तो अजमेर नगर निगम पर भरोसा नहीं है मंजीत सिंह को। ह्रदय योजना के दो कार्य छीने।
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3 जून को जब पुष्कर स्थित अनन्ता रिसोर्ट में केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारी और अजमेर नगर निगम के मेयर धर्मेन्द्र गहलोत ह्रदय योजना में स्वीकृत पांच कार्यों को लेकर योजना बना रहे थे तो तभी जयपुर में राज्य के नगरीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव मंजीत सिंह निगम से दो-तीन महत्वपूर्ण काम छीनने का निर्णय ले रहे थे। हालांकि अनन्ता रिसोर्ट की बैठक में मंजीत सिंह को भी आना था लेकिन ऐन मौके पर मंजीत सिंह ने अपना दौरा रद्द कर जयपुर में ही उच्चस्तरीय बैठक कर ली। इसी बैठक में यह निर्णय लिया गया कि केन्द्र सरकार ने ह्रदय योजना के अन्तर्गत जो 40 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं, उन सभी को अजमेर नगर निगम से नहीं करवाया जाए। इस बैठक के बाद मंजीत सिंह ने भी कहा कि अजमेर नगर निगम की क्षमताओं को देखते हुए ही काम दिए जाएंगे। माना जा रहा है कि मंजीत सिंह 40 करोड़ के कार्यों के टेण्डर राज्य सरकार के स्तर पर करवाने के इच्छुक हैं यानि मंजीत सिंह को अजमेर नगर निगम पर भरोसा नहीं है। दूसरी ओर अनन्ता रिसोर्ट की बैठक में शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी के साथ-साथ केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव बी. आनन्द, उपसचिव सुमित कक्कड़, निगम के मेयर धर्मेन्द्र गहलोत, एडीए के अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा, पुष्कर पालिका के अध्यक्ष कमल पाठक, निगम के डिप्टी मेयर संपत सांखला, शहर भाजपा के अध्यक्ष अरविन्द यादव आदि ने इस बात पर हर्ष जताया कि ह्रदय योजना में पांच बड़े कार्य करवाने के लिए केन्द्र सरकार ने अजमेर नगर निगम को 40 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। इस बैठक में मेयर गहलोत ने कहा कि नगर निगम ह्रदय योजना के पांचों कार्य करवाने में सक्षम है।
अनन्ता रिसोर्ट की बैठक के बाद मेयर गहलोत ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि प्रमुख शासन सचिव सचिव मंजीत सिंह ने भी जयपुर में कोई समानान्तर बैठक आयोजित की है। उन्होंने कहा कि जब केन्द्र सरकार के बड़े अधिकारी अजमेर में विकास कार्यों को लेकर विचार-विमर्श कर रहे हैं तो फिर जयपुर में किस स्तर पर बैठक हुई है। उन्होंने कहा कि निगम से काम छीनने की जानकारी उन्हें नहीं है। एक ओर अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने के कवायद हो रही है तो दूसरी ओर नगर निगम की क्षमताओं पर प्रश्न चिन्ह लगाना उचित नहीं माना जा सकता है। मालूम हो कि ह्रदय योजना में आनासागर झील, सुभाष बाग के संरक्षण के साथ-साथ पुष्कर और अजमेर में वाक-वे बनाने के कार्य स्वीकृत हुए हैं।
(एस.पी. मित्तल) (3-06-2016)
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