तो पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर के अधिग्रहण का प्रस्ताव मंजूर हो जाएगा। अंतिम फैसला राज्य सरकार करेगी।
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अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर तीर्थ के संसार प्रसिद्ध ब्रह्मा मंदिर के अधिग्रहण का प्रस्ताव 6 जून को पुष्कर नगर पालिका की साधारण सभा में मंजूर हो जाएगा। साधारण सभा में अधिग्रहण का प्रस्ताव रखा गया है, इसकी जानकारी 15 दिन पहले ही सार्वजनिक कर दी गई थी। इसके बाद से ही पुष्कर में ‘हाय तौबाÓ मची हुई है। ब्रह्मा मंदिर के महंत सोमपुरी ने आरोप लगाया कि नगर पालिका के अध्यक्ष कमल पाठक द्वैषतापूर्ण तरीके से मंदिर का अधिग्रहण कर रहे हैं। महंत ने मंदिर सम्पत्ति की लूट खसोट को लेकर भी पालिका अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसको लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया गया। इसके अतिरिक्त राजनीतिक प्रयास भी किए गए कि 6 जून को होने वाली साधारण सभा में ब्रह्मा मंदिर के अधिग्रहण का प्रस्ताव रखा ही न जाए। इन सब प्रयासों के बाद भी महंत और उनके समर्थकों को सफलता नहीं मिली। पालिका अध्यक्ष कमल पाठक ने पांच जून को स्पष्ट कहा है कि साधारण सभा में ब्रह्मा मंदिर के अधिग्रहण का प्रस्ताव हर हाल में मंजूर होगा। उन्होंने कहा कि यह मेरे अकेले का निर्णय नहीं है। पालिका के 20 में से 18 पार्षदों ने अधिग्रहण के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि 6 जून को साधारण सभा सम्पन्न हो जाने के बाद वो यह बताएंगे कि ब्रह्मा मंदिर में क्या हो रहा है, उन्होंने कहा कि प्रस्ताव को स्वीकृत कराने के बाद जिला कलेक्टर के माध्यम से राज्य सरकार को भेजा जाएगा। अधिग्रहण पर अंतिम निर्णय सरकार को लेना है। यदि आवश्यकता हुई तो पालिका के पार्षदों का एक शिष्टमंडल मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि ब्रह्मा मंदिर विश्व विख्यात धार्मिक स्थल है, लेकिन इन दिनों मंदिर में धार्मिक गतिविधियों के बजाए ऐसी गतिविधियां हो रही है, जिन्हें उचित नहीं माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि अधिग्रहण के बाद मंदिर में आने वाले चढ़ावे का भी सदुपयोग होगा। मालूम हो कि ब्रह्मा मंदिर अधिग्रहण को लेकर पुष्कर का माहौल बेहद गर्म है। इस मामले में फिलहाल क्षेत्रीय विधायक और संसदीय सचिव सुरेश सिंह रावत ने चुप्पी साध रखी है, लेकिन यह माना जा रहा है कि रावत का समर्थन भी पालिकाध्यक्ष पाठक को ही है। इतना विवाद होने के बाद भी राजनीतिक स्तर पर ऐसा कोई दबाव नहीं बनाया गया, जिससे अधिग्रहण के प्रस्ताव को रोका जा सके।
(एस.पी. मित्तल) (5-06-2016)
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