पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के खिलाफ कार्यवाही करे हमारी सेना। ख्वाजा साहब की दरगाह के दीवान जेनुल आबेदीन ने सरकार से कहा।
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अजमेर स्थित विश्व प्रसिद्ध सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के दीवान सज्जादानशीन सैयद जेनुल आबेदीन अली खान ने कहा है कि जिस प्रकार गत वर्ष हमारी सेना ने बर्मा में घुसकर आतंकियों को ढेर किया था उसी प्रकार पाकिस्तान में भी घुसकर आतंकियों को मार गिराया जाए। 28 जून को दीवान आबेदीन ने ए बयान जारी कर कहा कि हाल ही में कश्मीर के पंपोर में जो आतंकी हमला हुआ उसके पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ सामने आया है। ऐसे में सरकार को हमारी सेना को खुली छूट देनी चाहिए ताकि पाकिस्तान को उसी की जमीन पर सबक सिखाया जाए।
आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की यह कायराना कार्यवाही है भारतीय सैनिकों की मौत की खबर दुखद है जो पाक के खिलाफ छद्म युद्ध लड़ रहे हैं। उन्होंने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे गैर इस्लामी करार दिया। उन्होंने कहा कि कथित जिहाद के नाम पर रमजान के मुकद्दस एवं मुबारक महीने में बेगुनाहों को कायरतापूर्ण तरीके से हमला करके जान माल को नुकसान पहुचाना इस्लाम के मौलिक सिद्धांतों का उलंघन है इसलिए वैश्विक स्तर पर इस्लामिक धर्मगुरूओं को ऐसे संगठनों को इस्लाम से खारिज किये जाने की कार्यवाही की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकी हमला किसी भी देश में हो और कोई संगठन उसके लिए जिम्मेदार हो हर घटना दुखद है और मानवता के प्रति कर अपराध है जिसकी भत्र्सना सबको करना चाहिए।
दरगाह दीवान ने कहा कि आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा द्वारा भारतीय सैनिकों की हत्या पर पाक हाई कमीशन अब्दुल बासित द्वारा दिये असंवेदनशील बयान को हम सहन नहीं करेंगे। जब सीमा पर हमारे जवान मारे जा रहे हों तो हम उन्हें इफ्तार पार्टी नहीं दे सकते राष्ट्रीय मुस्लिम मंच का पाक उच्चायुक्त का निमंत्रण रद्द करना सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच कभी भी वार्ता सफल नहीं हो सकती, क्योंकि वहां पाकिस्तानी सेना और आईएसआई का राज है पाक सरकार की कुछ नहीं चलती। पाकिस्तान की शह पर आतंकी हमला होता है। इसलिए पाकिस्तान के खिलाफ सरकार निंदा प्रस्ताव लाये। साथ ही वायुसेना को अधिकार दिया जाए कि वह पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी और पाकिस्तानी सेना के ठिकानों को तबाह करे।
दरगाह दीवान ने आतंकवादियों के हमले को हताशा भरा प्रयास बताते हुए राष्ट्र के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को नमन किया। उन्होंने कहा कि आतंकियों को अच्छे और बुरे के रूप में परिभाषित करना ही आतंकवाद को परोक्ष प्रोत्साहन देने जैसा ही है। हर आतंकवादी केवल आतंकवादी होता है वह अच्छा या बुरा नहीं हो सकता। उसका कोई धर्म नहीं होता। जब तक पाकिस्तान इस हकीकत से आंख मूंदे रहेगा तब तक उसके अपने देश को भी आतंकवाद से मुक्ति नहीं मिल सकती। अब वह समय आ चुका है जब पाकिस्तान की आंखें खुल जानी चाहिए। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भले ही दावा करे कि उनकी सरकार आतंकवादी ताकतों के खात्मे के लिए प्रतिबद्ध है परन्तु यह काम तो वहां सेना को करना है जो खुद भी आईएसआई को संरक्षण प्रदान करती रही है और इसी आईएसआई से आतंकी संगठनों को शह दी जाती है। जब तक आईएसआई से आतंकी संगठनों को संरक्षण मिलना बंद नहीं होगा तब तक पाकिस्तान सरकार बेबस बने रहने के अलावा और कुछ नहीं कर सकती।
(एस.पी. मित्तल) (27-06-2016)
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