आतंकियों ने 20 गैर मुसलमानों को मार डाला। हिमायती बताएं यह कौनसे धर्म का आतंक है।
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एक जुलाई की रात को पड़ौसी बांग्लादेश की राजधानी ढाका के डिप्लोमेटिक जोन में चल रहे एक रेस्टोरेन्ट पर आतंकियों ने हमला किया। इस हमले में 40 व्यक्तियों को बंधक बनाया। लेकिन जिन लोगों ने कुरान की आयतें सुना दी, उन्हें जिन्दा छोड़ दिया गया और जिन गैर मुसलमानों ने आयतें नहीं सुनाई उन्हें रेस्टोरेन्ट के अन्दर ही धारदार हथियारों से मौत के घाट उतार दिया। मरने वालों में भारत सहित जापान, इटली आदि देशों के नागरिक हैं। चूंकि इसी क्षेत्र में अधिकांश दूतावास हैं इसलिए रेस्टोरेन्ट में बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक उपस्थित रहते हैं। आतंकियों ने विदेशी नागरिकों की उपस्थिति को ध्यान में रखते हुए ही इस रेस्टोरेन्ट को निशाना बनाया। जिस बेरहमी से गैर मुसलमानों का कत्ले आम किया गया, उसकी अब दुनिया भर में निन्दा हो रही है। जब भी कोई आतंकी घटना होती है तो अनेक हिमायती कहते हैं कि इसे किसी धर्म विशेष से न जोड़ा जाए लेकिन अब ऐसे हिमायती यह बताएं कि ढाका के रेस्टोरेन्ट में जो हमला हुआ, उसे किस धर्म से जोड़ा जाए? यह माना कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता भले ही ढाका में आतंकियों ने सिर्फ गैर मुसलमानों को ही मारा हो, लेकिन रमजान माह में अफगानिस्तान, पाकिस्तान, तुर्की आदि में जो हमले हुए उसमें मुसलमान ही मरे हैं। असल में अब समय आ गया है कि जब पूरे विश्व को एकजुट होकर आतंकवादियों के खिलाफ खड़ा होना पड़ेगा। यदि आतंकवाद को नहीं कुचला गया तो न मुसलमान बचेगा और न गैर मुसलमान। पूरी व्यवस्था तहस नहस हो जाएगी।
(एस.पी. मित्तल) (02-07-2016)
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