वसुंधरा के मंत्रियों के आने से पहले ही अजमेर के वरिष्ठ भाजपा नेता और यूआईटी के पूर्व अध्यक्ष धर्मेेश जैन ने राजनीति का बम फोड़ा।
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वसुंधरा के मंत्रियों के आने से पहले ही अजमेर के वरिष्ठ भाजपा नेता और यूआईटी के पूर्व अध्यक्ष धर्मेेश जैन ने राजनीति का बम फोड़ा।
भाजपा की राजनीति में उपेक्षित चल रहे अजमेर नगर सुधार न्यास के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता धर्मेश जैन ने 20 जुलाई को प्रशासनिक तंत्र पर राजनीतिक हमला किया है। जैन ने राजनीति का बम तब फोड़ा है, जब 21 जुलाई को वसुंधरा राजे की सरकार के पांच मंत्री अजमेर आ रहे हैं। यह पांचों मंत्री बताएंगे कि राजस्थान में वसुंधरा राजे के नेतृत्व में किस प्रकाश से सुशासन हो रहा है। लेकिन इन मंत्रियों के आने से पहले ही 20 जुलाई को धर्मेश जैन ने जयपुर रोड स्थित अपनी होटल एम्बेसी में एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर लिया। जैन ने पत्रकारों से कहा कि अजमेर विकास प्राधिकरण ने जयपुर रोड स्थित दीपक नगर योजना को समाप्त करने का जो निर्णय लिया है, वह अजमेर के हित में नहीं है। एक ओर अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद चल रही है। दूसरी ओर शहरी सीमा के अंदर प्राधिकरण की योजना को समाप्त किया गया है। ऐसे में स्मार्ट सिटी के अनुरूप शहर का विकास नहीं होगा। जैन ने मांग की कि उन कारणों की जांच होनी चाहिए जिसके अंतर्गत दीपक नगर योजना को समाप्त करने का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि वे वर्तमान अध्यक्ष शिव शंकर हेड़ा पर कोई आरोप नहीं लगा रहे हैं, लेकिन इतना जरूर बताना चाहते हैं कि भाजपा के पिछले शासन में जब वे इस संस्था के अध्यक्ष थे, तो उन्होंने योजना को आगे बढ़ाया था। हालांकि तब भी उन पर दीपक नगर योजना को समाप्त करने का दबाव था, लेकिन वे किसी भी दबाव में नहीं आए। उन्होंने ईमानदारी बरतते हुए योजना के वजूद को बनाए रखा। उन्होंने माना कि वह भाजपा के जिम्मेदार और निष्ठावान नेता है, लेकिन जब अपने शहर में कोई गलत काम होता है तो उनकी अंतर्रात्मा जाग उठती है। वह एक राजनीतिज्ञ होने से पहले जागरुक नागरिक भी हैं। आज शहर में जिस तरह से अतिक्रमण और अवैध निर्माण हो रहे हैं, उसका खामियाजा भी स्मार्ट सिटी की योजना को उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी इस शहर का अहित कर रहे हैं, उनकी भी पहचान कर कार्यवाही की जाए।
नहीं हो रहे जनहित के कार्य:
धर्मेश जैन ने आरोप लगाया कि अजमेर शहर में जनहित के कार्य नहीं हो रहे हैं। सार्वजनिक उद्यानों और स्थलों का उपयोग व्यावसायिक हो गया है। कोई भी संस्था न तो नए उद्यान बना रही है और न ही पुराने उद्यानों का संरक्षण किया जा रहा है। पुष्कर घाटी में सुरंग बनाने को भी जैन ने गलत माना है। उन्होंने कहा कि इससे पुष्कर घाटी का प्राकृतिक सौंदर्य समाप्त हो जाएगा। इसी प्रकार घाटी पर बने महाराणा प्रताप स्मारक के अंदर पार्किंग स्थल बनाए जाने का भी जैन ने विरोध किया है। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप स्मारक और पुष्कर घाटी में सांझी छत का निर्माण उन्हीं के कार्यकाल में हुआ था। प्राधिकरण के अधिकारियों को मूल योजना के स्वरूप को बिगाडऩा नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि न्यास के अध्यक्ष के पद पर रहते हुए जो कार्य उन्होंने किए उनका मूल्यांकन मीडिया को भी करना चाहिए। जैन ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि झूठे आरोपों के चलते उन्हें दो वर्ष में ही अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया, इससे मेरा नहीं बल्कि शहर का नुकसान हुआ है। यदि मैं तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा करता तो वैशाली नगर क्षेत्र में बने गौरव पथ की दशा ही अलग होती। एक सुनियोजित षडय़ंत्र कर मुझे अध्यक्ष के पद से हटवा दिया गया। मेरे हटने के बाद गौरवपथ पर प्रभावशाली व्यक्तियों ने जी माल जैसे अवैध निर्माण कर लिए। जी मॉल की वजह से आज भी गौरव पथ बिगड़ा पड़ा है। धर्मेश जैन ने प्राधिकरण के अध्यक्ष हेड़ा को सलाह दी कि वे भू-कारोबारियों व भ्रष्ट अधिकारियों से बचकर रहे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनकी मंशा अपनी ही पार्टी और सरकार की इमेज खराब करना नहीं है, लेकिन वे चाहते हैं कि शहर में जनहित के काम हो।
पांच मंत्री आएंगे:
वसुंधरा राजे की सरकार की उपलब्धियों को बताने और लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए 21 जुलाई को स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़, सुरेन्द्र पाल सिंह, गजेन्द्र सिंह खींवसर, दिगम्बर सिंह तथा अमराराम चौधरी अजमेर आएंगे।
S.P. Mittal (20-07-2016) (www.spmittal.in) M-9829071511
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