किशनगढ़ में आरके के बाद भंडारी मार्बल के संस्थानों पर आयकर विभाग की छापामार कार्यवाही। राजस्थान के मार्बल व्यवसाईयों में हड़कम्प। संयुक्त आयुक्त एम रघुवीर ने कहा 23 जुलाई को भी जारी रहेगी जांच।

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अजमेर जिले के किशनगढ़ के भंडारी मार्बल के संस्थानों पर 22 जुलाई को भी आयकर विभाग की बड़ी छापामार कार्यवाही होती रही। उदयपुर स्थित आयकर विभाग के संयुक्त आयुक्त एस रघुवीर ने बताया कि जांच का कार्य 23 जुलाई को भी जारी रहेगा। 11 स्थानों पर 100 से भी ज्यादा अधिकारी छापे की कार्यवाही में शामिल हैं। मार्बल आयात के लाईसेंसों की भी जांच हो रही है। छापे की यह कार्यवाही 21 जुलाई की सुबह से शुरू हुई थी। वहीं जानकार सूत्रों के अनुसार गत वर्ष आरके मार्बल के संस्थानों के बाद भंडारी मार्बल पर सबसे बड़ी कार्यवाही मानी जा रही है। जिस प्रकार आरके मार्बल के संस्थानों पर सशस्र जवानों की सुरक्षा में जांच का काम हुआ, ठीक उसी प्रकार भंडारी मार्बल के संस्थानों पर हो रहा है। 21 जुलाई को कोई एक दर्जन वाहनों में भरकर आयकर विभाग के अधिकारी किशनगढ़ के भंडारी मार्बल के आलीशान परिसर में पहुंचे थे। आयकर विभाग ने भंडारी मार्बल के दिल्ली के छतरपुर गोदाम के साथ-साथ जयपुर, अहमदाबाद, मकराना आदि संस्थानों पर छापामार कार्यवाही की है। भंडारी मार्बल के मालिक रायचन्द्र भंडारी और दीपचन्द भंडारी के साथ-साथ संस्थान के अधिकारी और कर्मचारियों से भी पूछताछ हो रही है। अधिकारियों का मानना है कि भंडारी मार्बल के पास मार्बल आयात को जो लाईसेंस हैं उसके माध्यम से करोड़ों रुपए की अघोषित आय एकत्रित की है। हालांकि विभाग की कार्यवाही पूरी तरह गोपनीय रखी जा रही है लेकिन फिर भी जो खबरें बाहर आई हैं। उसके मुताबिक भंडारी बंधु एक मुश्त राशि सरेण्डर करने को तैयार हो गए हैं लेकिन जांच अधिकारियों ने अभी इस मामले में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है क्योंकि अधिकारियों को बड़ी मात्रा में अघोषित आय का खुलासा होने की उम्मीद है। जांच का काम पूरा होने के बाद ही अधिकारी कोई निर्णय लेंगे।
मार्बल कारोबारियों में खलबली:
भंडारी मार्बल के संस्थानों पर जिस प्रकार बड़े पैमाने पर छापामार कार्यवाही हुई है, उससे प्रदेश भर के मार्बल कारोबारियों में हड़कम्प मच गया है। मार्बल कारोबार के क्षेत्र में भंडारी मार्बल के मालिकों को प्रभावशाली माना जाता है। भंडारी बंधुओं के संबंध राजनेताओं के साथ-साथ अधिकारियों से भी अच्छे हैं। इनमें आयकर विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार जिन आयकर अधिकारियों से भंडारी बंधुओं के संबंध रहे हैं, उन सभी को इस छापामार कार्यवाही से दूर रखा गया है।
वाहनों पर लगा है शादी का स्टीगर:
छापामार कार्यवाही में आयकर विभाग ने कितनी गंभीरता और गोपनीयता बरती है इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि विभाग ने जिन प्राईवेट वाहनों का उपयोग किया उन पर शादी के स्टीगर लगे हुए थे। स्टीगरों पर कपिल विद संध्या लिखा गया ताकि यह लगे कि वाहन किसी विवाह समारोह में जा रहे हैं। यह बात अलग है कि हिन्दू समुदाय में इन दिनों धार्मिक दृष्टि से विवाह आदि समारोह बंद है।
अलग होने बाद की तरक्की:
भंडारी बंधुओं ने मार्बल कारोबार के गुर मकराना में छाजेड़ परिवार से सीखे हैं। मकराना में छाजेड़-भंडारी का काम प्रसिद्ध रहा है। लेकिन कोई 10 वर्ष पहले भंडारी बंधु छाजेड़ परिवार से अलग हो गए। मकराना से निकल कर भंडारी बंधुओं ने जब किशनगढ़ में कारोबार शुरू किया तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। दिल्ली के छतरपुर में जो मार्बल का गोदाम बनवाया है उसकी विशालता और स्टॉक दर्शाता है कि भंडारी बंधु देश के प्रमुख कारोबारी हैं। अकेले किशनगढ़ में चार गैंगसा भंडारी बंधुओं की है।
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(एस.पी. मित्तल) (22-07-2016)
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