जयपुर में मोती डूंगरी के गणेश मंदिर दर्शन के बाद रॉबर्ट वाड्रा ने मोदी सरकार पर हमला बोला। लोगों की मुश्किलों को कम करने के लिए राजनीति में आऊंगा। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत की गांधी परिवार के पक्ष में एक और प्रभावी पहल।

गांधी परिवार के दामाद राबर्ट वाड्रा 26 फरवरी को दिनभर जयपुर में रहे। चूंकि राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है, इसलिए वाड्र्रा ने सुबह जयपुर में मोती डूंगरी स्थित गणेश मंदिर में दर्शन किए। इस मौके पर मंदिर के महंत कैलानाथ शर्मा स्वयं उपस्थित रहे। मंदिर में वाड्रा को दुपट्टा ओढ़ाकर प्रसाद दिया गया। महंत कैलाश नाथ खास मौकों पर ही उपस्थित रहते हैं। गणेश जी का आशीर्वाद लेने के बाद वाड्रा ने मीडिया के समक्ष मोदी सरकार पर हमला बोला। वाड्रा ने प्रदेश स्तरीय न्यूज चैनलों को अलग अलग इंटरव्यू दिए। यहां तक कि वेब पोर्टल वाले चैनलों से भी अलग से बात की। इस मीडिया मैनेजमेंट के पीछे भी सरकार के अधिकारी सक्रिय रहे। वाड्रा ने साफ कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार की नीतियों की वजह से आम आदमी मुश्किल में है। उसे यह समझ में नहीं आ रहा है कि 100 रुपए का एक लीटर पेट्रोल स्कूटर में डलवाऊं या फिर अपने बीमार माता पिता के लिए सौ रुपए की दवाई खरीदूं। यदि स्कूटर में पेट्रोल डलवाता है तो उसे माता पिता को कंधे पर बैठा कर अस्पताल ले जाना होगा। वाड्रा ने कहा कि हमारा परिवार आम लोगों की मुश्किलों को उजागर करता है, इसलिए परिवार के सदस्यों को राजनीतिक प्रताडऩा का सामना करना पड़ता है। लोगों की मुश्किलों को कम करने के लिए ही वे राजनीति में आएंगे। वैसे मैं समय समय पर आवाज उठाता रहता हंू। वाड्रा ने माना कि यदि मैं लोकसभा का सदस्य होता तो संसद में ज्यादा प्रभावी तरीके से अपनी बात रख सकता था। अपने साले राहुल गांधी और पत्नी प्रियंका वाड्रा की काबिलियत पर राबर्ट वाड्रा ने कहा कि इन दोनों ने ही अपनी माता जी, दादी और नानी से राजनीति सीखी है और ये दोनों जनता के मुद्दों को उठा रहे हैं।

सीएम गहलोत की पहल:

26 फरवरी को राबर्ट वाड्रा जिस तरह से मोदी सरकार पर हमलावर नजर आए उससे प्रतीत होता है कि सीएम अशोक गहलोत ने गांधी परिवार के पक्ष में एक और प्रभावी पहल की है। मौजूदा समय में गहलोत को ही गांधी परिवार का मुख्य सलाहकार माना जा रहा है। चाहे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव का मामला हो या फिर राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खडग़े को प्रति पक्ष का नेता बनाने का। सभी में गहलोत की राय को ही प्रमुखता दी गई है। 26 फरवरी को जयपुर में जिस तरह गणेश जी के दर्शन के बाद राबर्ट वाड्रा को मीडिया कर्मियों से मिलवाया गया,उसमें भी गहलोत की रणनीति रही। संभवत: गहलोत की सलाह पर ही राबर्ट वाड्रा मोदी सरकार पर इतने हमलावर हुए हैं। इससे पहले वाड्रा सिर्फ अपना बचाव ही करते थे। लेकिन 26 फरवरी को वाड्रा ने अपना बचाव करने के साथ साथ मोदी सरकार पर हमला भी किया। हर सवाल का खुल कर जवाब भी दिया। सभी प्रादेशिक न्यूज चैनल वाड्रा के स्पेशल इंटरव्यू का दावा कर खबरें प्रसारित करते रहे। और अब अखबारों में भी स्पेशल साक्षात्कार देखने को मिलेंगे। सीएम गहलोत स्वयं भी मोदी सरकार पर हमलावर रहते हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि वाड्रा ने गहलोत के पिछले कार्यकाल में ही राजस्थान के बीकानेर क्षेत्र में जमीनें खरीदी थी। ऐसी खरीद ही अब वाड्रा के लिए मुसीबत बननी हुई है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (26-02-2021)

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