नरेन्द्र मोदी जी 70-80 फीसदी गौरक्षक अच्छे हैं। उना कांड से इतना दबाव क्यों?

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नरेन्द्र मोदी जी 70-80 फीसदी गौरक्षक अच्छे हैं। उना कांड से इतना दबाव क्यों?
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6 अगस्त को टाउन हॉल के कार्यक्रम में सीधे सवालों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 70-80 फीसदी गौरक्षक गोरखधंधों में लिप्त हंै। मोदी ने राज्य सरकारों से कहा कि वे गो रक्षा के नाम पर गोरखधंधा करने वाले युवकों का रिकार्ड तैयार करवाएं। मुझे यह समझ में नहीं आता कि 70-80 फीसदी गौरक्षक धंधेबाज हंै, यह रिकॉर्ड नरेन्द्र मोदी कहां से लाए हंै? सब जानते हंै कि देश के अधिकांश साधु संत खासकर जैन संत गौरक्षा और संरक्षण के काम में लगे हुए हंै। ऐसे साधु संतों की प्रेरणा से ही समाज में लाखों गौरक्षक सक्रिय हैं। यदि ऐसे गौरक्षक सक्रिय नहीं हों तो गौमाता की दुर्दशा इससे भी बुरी हो। मोदी तो स्वयं भारतीय संस्कृति के अनुरुप गौभक्त है। मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि गुजरात के उना में तथाकथित गौरक्षकों द्वारा पिटाई का जो मामला हुआ, उसका दबाव मोदी पर है। जिस तरीके से कुछ टीवी चैनल वालों ने पूरे घटनाक्रम को पेश किया, उसका असर नरेन्द्र मोदी पर भी हो गया। यह माना कि उना की घटना दुखद और शर्मनाक थी, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि देश के 80 फीसदी गौरक्षक गोरखधंधों में लिप्त हैं। हो सकता है कि प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने के बाद मोदी को देश का नजारा अपने तरीके से देखने को मिला हो और अब मोदी को भी यह लगता हो कि गौरक्षकों को धंधेबाज कहने से ही उनकी धर्म निरपेक्षता की छवि बनेगी। मोदी को यह समझना चाहिए कि देश में एक सुनियोजित साजिश के तहत भारतीय संस्कृति और सभ्यता को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। उम्मीद तो यह थी कि नरेन्द्र मोदी उन साजिशकर्ताओं से हमारी संस्कृति को बचाएंगे, लेकिन यदि नरेन्द्र मोदी भी साजिशकर्ताओं के दबाव में 80 फीसदी गौरक्षकों को अपराधी बताएंगे तो फिर गौमाता का संरक्षण कैसे होगा? यह माना कि 10 से 20 फीसदी युवक गौरक्षक बनकर माहौल बिगडऩे का काम करते होंगे। अच्छा हो कि ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए। मोदी को चाहिए कि वे जल्द से जल्द भाजपा शासित राज्यों में गौरक्षकों का रिकॉर्ड तैयार करवा कर यह बताएं कि कितने फीसदी गौरक्षक अपराधी हंै। नरेन्द्र मोदी जी जमीनी हकीकत है कि गौमाता को ट्रकों में भर कर कत्लखानों में धड़ल्ले से ले जाया जाता है। कभी कभार उत्साही युवक ऐसे ट्रकों को पकड़ कर गौमाता को बचा लेते हंै, लेकिन आपने तो ऐसे उत्साही युवकों का उत्साह भी खत्म कर दिया है। अब शायद ही कोई उत्साही युवक ट्रकों से गौमाता को मुक्त करवाएं। यदि किसी युवक ने हिम्मत की तो उसे अपराधी मान कर जेल में डाल दिया जाएगा। मोदी जी आप देश के प्रधानमंत्री हैं। प्रधानमंत्री को संपूर्ण देशवासियों की भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए। आज भी देशवासी आपको आशा की किरण मानते हैं। आप चाहें 80 फीसदी गौरक्षकों को अपराधी कहे, लेकिन अभी भी देशवासियों को यह भरोसा है कि देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए आप जैसा प्रधानमंत्री ही चाहिए।

(एस.पी. मित्तल) (07-08-2016)
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