आसान नहीं है विमंदित बच्चों की जिंदगी। अभिभावकों की पीड़ा असहनीय ।
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आसान नहीं है विमंदित बच्चों की जिंदगी। अभिभावकों की पीड़ा असहनीय ।
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30 अगस्त को मुझे अजमेर के कोटड़ा क्षेत्र के बी.के.कौल नगर स्थित विमंदित बच्चों के शुभदा नामक केन्द्र पर जाने का अवसर मिला। लायंस क्लब उमंग की अध्यक्ष श्रीमती आभा गांधी और उनके समाजसेवी पति राजेन्द्र गांधी ने विमंदित बच्चों में खुशियां बांटने का प्रयास किया था। बच्चों के लिए खाद्य सामग्री के साथ-साथ खिलौने आदि भी वितरित किए। बच्चों की खुशी के लिए केक भी काटा गया। मेरे साथ राजस्थान लोकसेवा आयोग मीडिया सलाहकार प्यारे मोहन त्रिपाठी और क्षेत्रीय पार्षद महेन्द्र जैन मित्तल भी थे। हम सब ने देखा कि विमंदित बच्चों का जीवन बेहद कष्ट पूर्ण है। खासकर लड़कियों को अपनी सुध भी नहीं थी। वो अभिभावक वाकई धन्य हैं जो अपने विमंदित बच्चों को पाल रहे हंै। अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिस घर में विमंदित बच्चा है उस घर का माहौल कैसा होगा। पिता तो कामकाज के लिए घर से बाहर चले जाते हंै, लेकिन बेचारी मां को तो दिनभर अपने बच्चों का ख्याल रखना ही पड़ता है। शुभदा के संचालक अपूर्व सेन ने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक अजमेर में करीब 12 हजार विमंदित बच्चे हंै। लेकिन मात्र एक हजार बच्चे ही किसी केन्द्र पर आते हैं। उन्होंने कहा कि विमंदित बच्चों का अपने घर में रहना उचित नहीं है। अभिभावकों को चाहिए कि वह बिना किसी झिझक और शर्म के बच्चों को शुभदा जैसे केन्द्रों पर भेंजे। ऐसे केन्द्रों पर बच्चे के मानसिक स्थिति के अनुरूप शिक्षा दी जाती है। सेन ने कहा कि ज्यों-ज्यों विमंदित बच्चो की उम्र बढ़ती है, त्यों त्यों बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों की परेशानी भी बढ जाती है। जो बच्चे शुभदा जैसे केन्द्र पर आते हैं उनकी मानसिक स्थिति में थोड़ा सा सुधार हो जाता है। ऐसे बच्चे अपना नित्य क्रम कर ही सकते हंै। सेन ने बताया कि अब बच्चों से उपहार तैयार करवाये जा रहे हैं। ऐसे उपहार सम्पन्न परिवारों के लोग खरीद कर विमंदित बच्चों की हौंसला अफजाई कर सकते हैं। उसके लिए बी.के.कौल नगर में ही शुभदा आर्ट की दुकान शुरू की गई है। उपहार बिकते ही 35 प्रतिशत की राशि सम्बधित विमंदित बच्चों को दी जा रही है। सेन कहा कि शुभदा आर्ट से उपहार खरीदने के लिए उनके मोबाइल नम्बर -9460789744 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
(एस.पी. मित्तल) (30-08-2016)
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