मुस्लिम युवाओं का हीरो जाकिर नाईक नहीं, बल्कि नबील वानी होना चाहिए।

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मुस्लिम युवाओं का हीरो जाकिर नाईक नहीं, बल्कि नबील वानी होना चाहिए।
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देश के मुस्लिम युवाओं के सामने दो चेहरे हंै। एक जाकिर नाईक और दूसरा नबील वानी। नबील वानी कश्मीर के उधमपुर में रहने वाले एक साधारण परिवार का युवक है। वानी ने हाल ही में बीएसएफ के अस्सिटेंट कमांडेंट का पद संभाला है। वानी ने केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद वानी ने कहा कि कश्मीर के युवाओं को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए, जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ती हो। हर कश्मीरी युवक का फर्ज अपने देश की सुरक्षा करना है। मुझे खुशी है कि अब मैं देश की सीमाओं की रक्षा करने का काम करूंगा एक तरफ नबील वानी है तो दूसरी ओर जाकिर नाईक। आरोप है कि नाईक के उपदेश सुनने के बाद मुस्लिम युवक जेहाद के लिए प्रेरित होते हैं। कुछ युवक तो आतंकी संगठन आईएस में भी शामिल हो गए। इन दिनों कश्मीर घाटी नाजुक दौर से गुजर रही है। पाकिस्तान की मदद से रोजाना आतंकी वारदातें हो रही हैं। कई इलाकों में कफ्र्यू लगा हुआ है। इसमें नबील वानी का जो चेहरा सामने आया है, उससे मुस्लिम युवकों खासकर कश्मीरी युवकों के बीच एक नई सोच सामने आई है। अन्य कश्मीरी युवकों की तरह नबील वानी को भी अपने परिवार चलाने के लिए रोजगार की सख्त जरूरत थी। सब जानते हैं कि बीएसएफ के अस्सिटेंट कमांडेंट बनने के लिए कड़ी से कड़ी परीक्षा देनी होती है। वानी ने अपने शरीर के बल के दम पर ऐसी सभी परीक्षा को पास किया। आज पूरा देश नबील वानी के परिणाम से खुश है। प्रशिक्षण के बाद वानी देश की सीमाओं पर तैनात हो जाएगा।

(एस.पी. मित्तल) (12-09-2016)
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