अजमेर में साफ-सुथरी छवि और समाज सेवा करने वालों पर हुआ आयकर का सर्वें। राधे चोयल तो बाबा रामदेव का आटा तैयार करते हैं।
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अजमेर में साफ-सुथरी छवि और समाज सेवा करने वालों पर हुआ आयकर का सर्वें। राधे चोयल तो बाबा रामदेव का आटा तैयार करते हैं।
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अजमेर के तीन धनाढय़ परिवारों पर आयकर विभाग ने 14 सितम्बर को सर्वें का जो काम शुरू किया। वह 15 सितम्बर को भी जारी रहा। आयकर विभाग इन परिवारों की काली कमाई का पता लगाने कि भरपूर कोशिश कर रहा है। लेकिन अजमेर में इन तीनों ही परिवार की छवि न केवल साफ-सुथरी है बल्कि समाज सेवा में भी इन परिवारों का योगदान है। ये तीनों परिवार है – श्री विश्वकर्मा ऐमरी स्टोन के मालिक राधे चोयल व गोपाल चोयल, रेलवे में बड़े-बड़े कार्य करने वाले ठेकेदार अजय जैन व विजय जैन तथा शहर के अधिकांश बड़े समारोह स्थलों का संचालन करने वाले अनुप गुप्ता व विजय गुप्ता। सबसे पहले बात चोयल बंधुओं की। चोयल बंधु देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में आटा पीसने की चक्की के निर्माण में पहले स्थान पर हैं। विश्वकर्मा ऐमरी स्टोन के मार्क वाली आटा चक्की नाम से बिकती है। चोयल बंधुओं की सफलता को देखते हुए ही योग गुरु बाबा रामदेव ने अपने ब्रांड का आटा तैयार करने का काम भी चोयल बंधु को दे रखा है। बाबा रामदेव के लिए चोयल बंधुओं ने अजमेर के निकट अर्जुनपुरा में बड़ा प्लांट लगाया है। बताया जाता है कि इस प्लांट पर 40 टन आटा प्रतिदिन तैयार होता है। यही पर ही पैकिंग का काम भी होता है। अभी हाल ही में एमडीएस यूनिवर्सिटी में एक सेमीनार आयोजित की गई, जिसमें राधे चोयल ने युवाओं को बताया, किस प्रकार से सफलता प्राप्त की जाती है। अजमेर में होने वाले सामाजिक और धार्मिक आयोजन मे चोयल बंधुओं की भूमिका बनी रहती है। उद्योग के क्षेत्र में चोयल परिवार को अनेक पुरस्कार मिल चुके हैं। चोयल बंधु अपनी आय-व्यय का ब्यौरा भी पारदर्शिता के साथ रखते हैं। यही वजह है कि सर्वें के दौरान आयकर अधिकारियों ने योग गुरु बाबा रामदेव ट्रस्ट से जुड़े दस्तावेजों को भी खंगाला है। हो सकता है इससे बाबा के ट्रस्ट की भी जांच हो।
जैन समाज में अजय जैन और विजय जैन दोनों भाईयों का बहुत मान-सम्मान है। अजमेर के निकट नारेली में बने नारेली तीर्थ के निर्माण में जैन बंधुओं की मजबूत भूमिका रही। अभी नाका मदार में जो जैन प्रतिमाएं तैयार हो रही हैं, उनमें भी इस परिवार का जबरदस्त सहयोग है। महावीर सर्किल के निकट पाश्र्वनाथ कॉलोनी में जैन संत विद्यासागर महाराज के तपोवन की भूमि भी इसी परिवार ने खरीदी है। इतना ही नहीं, सिविल लाईन स्थित अपने निवास पर भव्य जैन मंदिर बनवाया है। माना जाता है कि जैन कंस्ट्रक्शन कंपनी अपना काम बहुत पारदर्शिता के साथ करती है। कई बार पारदर्शिता और नियमों की वजह से जैन बंधुओं का रेलवे के इंजीनियरों और अधिकारियों से विवाद भी हो जाता है। जैन समाज के अलावा भी दूसरे सामाजिक और धार्मिक आयोजनों में जैन बंधुओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
अजमेर का शायद ही कोई परिवार होगा जो अनुप गुप्ता और विजय गुप्ता को नहीं जानता है। इसके साथ ही अजमेर में नियुक्त होने वाले सभी विभागों के अधिकारी अच्छी तरह जानते हैं। अभी डेढ़ माह पहले ही आयकर विभाग के बड़े अधिकारी ने गुप्ता बंधुओं के समारोह स्थल विजयलक्ष्मी पार्क में विवाह किया है। शहर के अधिकांश प्रमुख समारोह स्थल गुप्ता बंधुओं के द्वारा संचालित होते हैं। इसी वर्ष गुप्ता बंधुओं ने फॉयसागर रोड पर ग्रेंड जिनिया नाम की बहुमंजिला होटल बनाई है। यह होटल और समारोह स्थल अजमेर में सबसे बड़ा है। नगर निगम के लाईट के सभी काम गुप्ता बंधुओं के द्वारा किए जाते हैं। गुप्ता बंधुओं की साफ-सुथरी छवि को देखते हुए ही स्थानीय निकाय के प्रमुख शासन सचिव मंजीत सिंह ने केंद्र सरकार की हृदय योजना का 8 करोड़ रुपए का कार्य इसी परिवार को नियमों के अन्तर्गत दिया है। गुप्ता बंधुओं का यह प्रयास होता है कि कारोबार के कार्य पारदर्शिता के साथ किए जाए। चोयल और जैन परिवारों की तरह ही गुप्ता परिवार भी धार्मिक और सामाजिक कार्यों में आगे रहते हैं।
आयकर विभाग ने तीनों परिवारों पर सर्वें की जो कार्यवाही की है, उसे चौंकाने वाला माना जा रहा है। जानकारों की माने तो ताजा सर्वें के पीछे ए क्लास ठेकेदार एच एस मेहता के ठिकानों पर पिछले दिनों हुई कार्यवाही माना जा रहा है। मेहता के पास से जो कागजात बरामद हुए,उसमें इन तीनों परिवारों से होने वाले लेन-देन का पता चला है। सर्वें की ताजा कार्यवाही से अजमेर में खलबली मच गई है क्योंकि ऐसे अनेक धनाढ्य परिवार हैं जो पारदर्शिता के साथ कारोबार नहीं करते है। जब इतनी पारदर्शिता दिखाने वाले परिवारों पर सर्वें की कार्यवाही हुई है तो दूसरे परिवारों का क्या हाल होगा? हो सकता है कि इन तीनों परिवारों से मिले दस्तावेज के बाद सर्वें का दायरा अजमेर में और बढ़ जाए। हो सकता है सर्वें के दायरे में रेलवे के इंजीनियर और राजस्थान सरकार के बड़े अधिकारी भी आ जाएं। इन तीनों ही परिवार के संबंध राजनेताओं से बहुत अच्छे हैं।
(एस.पी. मित्तल) (15-09-2016)
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