पंपोर में दो आतंकी करते रहे तीन दिनों तक युद्ध। कश्मीर घाटी के हालातों का अंदाजा लगाया जाए।

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12 अक्टूबर को कश्मीर घाटी के पंपोर में एक सरकारी बिल्डिंग में दूसरे आतंकी को भी सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया। इसे सुरक्षा बलों की सफलता ही माना जाएगा कि बिना किसी शहादत के दो आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया, लेकिन पंपोर की घटना से कश्मीर घाटी के हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है। दोनों आतंकी 10 अक्टूबर की सुबह बिल्डिंग में घुसे थे और लगातार तीन दिन तक सुरक्षा बलों से युद्ध करते रहे। कोई 10 मंजिला बिल्डिंग पर सुरक्षा बलों के राकेट लांचर और गोलों से हमला किया। इस बिल्डिंग में खिड़कियों से ज्यादा राकेट से छेद हो गए। ड्रोन के साथ-साथ हेलीकॉप्टर तक का इस्तेमाल किया गया। इतना ही नहीं मीडिया को भी लाइव कवरेज से रोक दिया। यानि सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों से 3 दिनों तक हमारी ही सीमा में युद्ध किया। कश्मीर घाटी के हालातों पर नजर रखने वालों का मानना है कि दोनों खूंखार आतंकवादी 9 या ृ10 अक्टूबर को सीमा पार से नहीं आए क्योंकि 28 और 29 सितम्बर की रात को पीओके पर सर्जिकल ऑपरेशन के बाद कोई आतंकी भारत की सीमा में आने की हिम्मत नहीं कर रहा है। इसलिए यह माना जा रहा है कि ऐसे आतंकी घाटी में पहले से ही बड़ी संख्या में आए हुए हंै। ऐसे आतंकियों को स्थानीय नागरिकों का संरक्षण मिला हुआ है। सर्जिकल ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान में बैठे नेताओं ने घाटी में जमे आतंकियों को सक्रिय कर दिया हैं। इसलिए अब दो अथवा तीन आतंकी ही सुरक्षा बलों से युद्ध कर रहे है। यदि सुरक्षा बलों ने घाटी में छिपे इन आतंकियों के खिलाफ बड़ा अभियान नहीं चलाया तो पंपोर जैसे युद्ध और करने पड़ेंगे। बुरहान बानी के एनकाउंटर के बाद से ही घाटी के हालात बिगड़े हुए हैं। अनेक इलाकों में कफर््यू के हालातों के बाद भी आतंकी सुरक्षा बलों पर लगातार हमले कर रहे है।
(एस.पी. मित्तल) (12-10-2016)
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