राजस्थान के वन क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए लेडी गार्डों को ट्रेनिंग दे रहा है सीआरपीएफ। वसुंधरा सरकार का महत्वपूर्ण फैसला।

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राजस्थान के वन क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए लेडी गार्डों को ट्रेनिंग दे रहा है सीआरपीएफ। वसुंधरा सरकार का महत्वपूर्ण फैसला।
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25 अक्टूबर को अजमेर स्थित केन्द्रीय रिजर्व बल (सीआरपीएफ) संख्या-2 के फायसागर रोड स्थित विशाल परिसर में मैंने मेरे वरिष्ठ सहयोगी विनीत लोहिया के साथ उन लेडी गार्डों को गार्ड ट्रेनिंग लेते देखा जो आने वाले दिनों में राजस्थान के वन क्षेत्रों की सुरक्षा करेगी। इसमें कोई दोराय नहीं कि लेडी गार्डो को सीआरपीएफ से ट्रेनिंग दिलाने का निर्णय राज्य की वसुंधरा राजे सरकार का महत्वपूर्ण फैसला है। आमतौर पर यह शिकायत मिलती है कि जब वन क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाने, खनन कार्य रोकने अथवा अवैध शिकार को रोकने के लिए वन विभाग के सुरक्षा गार्ड मौके पर जाते है तो महिलाएं सामने आ जाती है। यानि अवैध काम के लिए महिलाओं को आगे कर दिया जाता है। चूंकि सुरक्षा गार्ड महिलाओं से मुकाबला नहीं कर सकते, इसलिए प्रभावी कार्यवाहीं नहीं हो पा रही थी। इन हालातों को देखते हुए राज्य सरकार ने 600 लेडी गार्डो को भर्ती की और अब सीआरपीएफ में ट्रेनिंग दिलवाई जा रही है।
महत्वपूर्ण होगी भूमिका :
सीआरपीएफ के परिसर में ही रहकर वन कानून की जानकारी दे रहे उपवन उप वन संरक्षक (प्रशिक्षण) नरेश चतुर्वेदी ने बताया कि लेडी गार्डो की अब वन सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। प्रदेश के सरिस्का, रणथम्भौर, खेरवाड़ा आदि प्रमुख वन क्षेत्रों में प्रशिक्षित लेडी गार्डो को भी तैनात किया जाएगा। उन्होंने माना कि वन क्षेत्रों की भूमि पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हो रहे है। चूंकि हमारे सुरक्षा गार्डो को मौके पर विपरित परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है इसलिए लेडी गार्डो को सीआरपीएफ से ट्रेनिंग दिलवाई जा रही है। हमने जिन युवतियों की भर्ती सुरक्षा गार्ड के रूप में की है वे हर दृष्टि से मजबूत है। ट्रेनिंग के बाद लेडी गार्ड हर चुनौती का मुकाबला कर सकेगी। सरकार एक लेडी गार्ड की ट्रेनिंग पर 50 हजार रुपए से ज्यादा खर्च कर रही है।
कठोर ट्रेनिंग :
लेडी गार्डो को ट्रेनिंग देने वाले सीआरपीएफ के कमांडों जे.माधवन ने बताया कि युवतियों को कठोर ट्रेनिंग से गुजरना पड़ रहा है। ट्रेनिंग के दौरान महिला प्रशिक्षक इन गार्डो को शारीरिक व्यायाम तो करवाते ही हैं साथ ही हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। ट्रेनिंग के बाद लेडी गार्ड राइफल ही नहीं एके-47 भी चला सकती हैंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंं। सीआरपीएफ में महिलाओं को भी अलग से ट्रेनिंग दी जा रही है। ऐसे में राजस्थान के वन विभाग के गार्डो की ट्रेनिंग भी महत्वपूर्ण है। माधवन ने इस बात पर संतोष जताया कि लेडी गार्ड अपनी शारीरिक क्षमता का भरपूर प्रदर्शन कर रही है।
पुरुष गार्ड भी ले रहे है ट्रेनिंग :
वन गार्डो को प्रशिक्षण देने का काम कर रहे वन अधिकारी नरेश शर्मा ने बताया कि सरकार ने गत जनवरी में एक हजार आठ सौ वन गार्डो की भर्ती की थी। इसमें से 1200 पुरुष व 600 महिलाएं थी। वन विभाग के अपने अलवर, जयपुर, उदयपुर मे भी ट्रेनिंग सेन्टर है, लेकिन एक साथ 1800 गार्डो को ट्रेनिंग नहीं दी जा सकती इसलिए सीआरपीएफ और राजस्थान पुलिस की भी मदद ली गई है। 600 महिला गार्डो में से पहले चरण में 300 गार्डो को अजमेर में ट्रेनिंग दिलवाई जा रही है। उम्मीद है कि दूसरे चरण में भी शेष 300 महिला गार्डो की भी सीआरपीएफ के माध्यम से ही ट्रेनिंग दिलवाई जाएगी।
(एस.पी. मित्तल) (25-10-2016)
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