कश्मीर में बैठे आतंकियों की घिनौनी हरकत। सेना को हमारे कश्मीर में भी करना चाहिए सर्जिकल ऑपरेशन।
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28 अक्टूबर को रात के अंधेरे में जब जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा के पास मांछिल सेक्टर में हमारे जवान सीमा पार से आ रहे गोला-बारूद का सामना कर रहे थे कि तभी कश्मीर में सक्रिय आतंकियों ने संघर्षरत बीएसएफ के जवान मंदीप सिंह की हत्या कद दी। अन्य जवान मंदीप के शव को संभालते, इससे पहले आतंकियों ने शव को क्षत-विक्षित कर दिया। आतंकियों की यह घिनौनी हरकत एक बार फिर साबित करती है कि कश्मीर घाटी में ऐसे लोग सक्रिय हैं जो भारत की एकता और अखंडता को तोडऩा चाहते हैं। हमारे सैनिक पाकिस्तान के गोला बारूद से तो मुकाबला कर सकते हैं, लेकिन देश के अंदर बैठे गद्दारों से मुकाबला करना मुश्किल हो रहा है। दीपावली के मौके पर जब हमारे जवान अपना घर-परिवार छोड़ कर सीमा पर खड़े हैं, तब देश के गद्दार ऐसे सैनिकों को मार रहे हैं। अब समय आ गया है जब सेना को हमारे कश्मीर में भी बड़ा सर्जिकल ऑपरेशन करना पड़ेगा। विगत दिनों घाटी में 700 घरों की तलाशी ली गई तो बड़ी मात्रा में पाकिस्तान और चीन के झंडे और हथियार बरामद हुए। 28 अक्टूबर की घटना बताती है कि यदि घाटी में सर्जिकल ऑपरेशन नहीं किया गया तो यहां बैठे आतंकवादी हमारी सीमा पर लड़ रहे सैनिकों पर देश के अंदर से हमला शुरू कर देंगे। शर्मनाक बात तो यह है कि 28 अक्टूबर को दिन में केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली ने कश्मीर घाटी के लोगों के लिए 500 करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की। जेटली का कहना रहा कि मौसम की खराबी की वजह से कश्मीर में सेब की फसल खराब हो गई, जिससे कश्मीरियों को आर्थिक नुकसान हुआ है। इस नुकसान की भरपाई के लिए ही 500 करोड़ रुपए दिए जा रहे हंै। यानि केन्द्र सरकार ने दिन में कश्मीरियों को राहत दी तो रात को कश्मीर में बैठे आतंकियों ने हमारे एक जवान की जान ले ली।
(एस.पी.मित्तल) (29-10-16)
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