अजमेर के संघ प्रमुख सुनील दत्त जैन ने पेश किया उदाहरण। बेटे की शादी में नहीं लिया लिफाफा। पौधे बांटे।
#2017
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30 नवंबर को अजमेर के विजय लक्ष्मी पार्क में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अजमेर महानगर के संघ चालक सुनील दत्त जैन के बेटे का विवाह सम्पन्न हुआ। सब जानते हैं कि जैन का पड़ाव में नमकीन का अच्छा कारोबार है। इसलिए विवाह के अवसर पर समाज के सभी वर्गों के लोग उपस्थित रहे। जैन ने शगुन का लिफाफा नहीं लेकर समाज के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। वैसे तो अजमेर में पूर्व में कई परिवारों ने विवाह के अवसर पर लिफाफे नहीं लिए, लेकिन जैन का उदाहरण इसलिए महत्व रखता है कि आमतौर पर यह कहा जाता है कि किसी बुराई को मिटाने के लिए बड़े और प्रभावशाली व्यक्ति को शुरुआत करनी चाहिए। चूंकि जैन संघ प्रमुख होने के नाते प्रभावशाली हैं और उनका अपना अच्छा खासा कारोबार भी है इसलिए जैन ने बुराई को मिटाने की अच्छी शुरुआत कर दी है, जो परिवार आर्थिक दृष्टि से संपन्न हैं, उन्हें कम से कम बेटे के विवाह में तो लिफाफा नहीं लेना चाहिए। कुछ लोगों का यह तर्क होता है कि हम भी तो बरसों से लिफाफे देते आ रहे हैं इसलिए लेने का हक बनता है। यह तर्क कितना मायने रखता है। इस पर धनाढ्य परिवारों के प्रतिनिधियों को बैठकर विचार करना चाहिए।
पौधे बांटे
जैन ने मेहमानों से लिफाफे तो लिए ही नहीं, उल्टे आए हुए मेहमानों को एक-एक पौछा दिया। अजमेर की एक स्वयंसेवी संस्था ग्रीन आर्मी के चीफ सिद्ध भटनागर अपने साथियों के साथ पौधे बांटने का काम कर रहे थे। विजय लक्ष्मी पार्क में स्वादिष्ट व्यंजनों की स्टालों के साथ ही पौधों की स्टाल भी लगाई गई। इसमें कोई दो राय नहीं सुनील दत्त जैन ने जिस सादगी से बेटे का विवाह किया, उसके लिए वे साधुवाद के पात्र हैं।
(एस.पी.मित्तल) (01-12-16)
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