डॉ. ब्लग्गन के लिए अजमेर एसपी का पद चुनौती भरा था। डीआईजी के पद पर हुए पदोन्नत।
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राजस्थान सरकार ने अजमेर के एसपी डॉ. नितिनदीप ब्लग्गन को डीआईजी के पद पर पदोन्नत कर दिया है। संभवत: अब डॉ. ब्लग्गन का तबादला अजमेर से जल्द हो जाएगा। कोई डेढ़ वर्ष पहले डॉ. ब्लग्गन ने तेज-तर्रार और दहशत रखने वाले एसपी विकास कुमार से चार्ज लिया था। चूंकि विकास कुमार ने अजमेर में अपने नजरिए से पुलिस फोर्स को काम में लिया, इसलिए अजमेर के लोग डॉ. ब्लग्गन से भी अनेक-अनेक अपेक्षाएं कर रहे थे। हालांकि डॉ. ब्लग्गन ने विकास कुमार की तरह टाइगर की दहशत नहीं फैलाई, लेकिन इस बात का प्रयास किया कि जनता की अपेक्षाओं पर खरे उतरें। डॉ. ब्लग्गन ने भले ही सड़कों और चौराहों पर मार्च पास्ट न किया हो, लेकिन अपने दफ्तर में बैठकर इस बात का प्रयास किया कि पुलिस फोर्स मुस्तैद रहे। डॉ. ब्लग्गन डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में कोई क्रान्तिकारी बदलाव तो नहीं कर सके, लेकिन शहर के लोगों से मित्रतापूर्ण व्यवहार रखने का प्रयास किया। विभिन्न सामाजिक, धार्मिक समारोह में उपस्थित होकर डॉ. ब्लग्गन ने शहरवासियों से अपना जुड़ाव किया। डॉ. ब्लग्गन ने इस बात का भी प्रयास किया कि जनप्रतिनिधियों खासकर भाजपा के नेताओं को खुश रखा जाए। डॉ. ब्लग्गन ने अजमेर में डेढ़ वर्ष की अवधि बड़े आराम से गुजारी। अपराध की बड़ी वारदात होने पर भी डॉ. ब्लग्गन सामान्य ही नजर आए। अपनी ड्यूटी के प्रति डॉ. ब्लग्गन कितने गंभीर रहे, इसका अंदाजा उनका हर समय पुलिस ड्रेस पहनना रहा। आम तौर पर आईपीएस अधिकारी पुलिस ड्रेस कम ही पहनते हैं, लेकिन डॉ. ब्लग्गन न केवल अपने दफ्तर में बल्कि सार्वजनिक समारोहों में भी पुलिस वर्दी में उपस्थित रहे। जानकारों के अनुसार डॉ. ब्लग्गन के संबंध सीएम वसुंधरा राजे से भी अच्छे हैं। इसलिए यह माना जा रहा है कि उन्हें डीआईजी के तौर पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी। डॉ. ब्लग्गन का तालमेल अजमेर के जिला कलक्टर गौरव गोयल से भी शानदार रहा। पुष्कर मेल के दौरान तो कलक्टर, एसपी दोस्तों की तरह घूमें। चूंकि गोयल और डॉ. ब्लग्गन के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध थे, इसलिए अधिनस्थ अधिकारियों को भी जिला और पुलिस प्रशासन प्रशासन में कभी भी खींचतान का अनुभव नहीं हुआ।
मजे में रहे थानाधिकारी :
चूंकि डॉ. ब्लग्गन धनाढ्य परिवार से हैं, इसलिए जिलेभर के थानाधिकारियों की मौज रही। डॉ. ब्लग्गन ने अपने कार्यकाल में कोई बड़े पैमाने पर थानाधिकारियों को इधर-उधर भी नहीं किया। अजमेर शहर के थानाधिकारियों ने तो जो चाहा वो किया। इसे डॉ. ब्लग्गन की खुशनसीबी ही कही जाएगी कि उनके कार्यकाल में जिले में कोई बड़ी वारदात नहीं हुई।
(एस.पी.मित्तल) (03-01-17)
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