अजमेर के जनाना अस्पताल में लापरवाही से हुई नवजात की मौत।
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17 मार्च की तड़के अजमेर के सरकारी जनाना अस्पताल में लापरवाही की वजह से एक नवजात की मौत हो गई। निकटवर्ती बड़ल्या गांव निवासी अजय रावत ने बताया कि 14 मार्च को उसकी 22 वर्षीय पत्नी काजल को डिलिवरी के लिए जनाना अस्पताल में भर्ती कराया गया। मध्य रात्रि को ही काजल ने पुत्र को जन्म दिया, लेकिन नवजात का वजन मात्र 2 किलो ही था। लेकिन फिर भी अस्पताल के चिकित्साकर्मियों ने नवजात की उचित देखभाल नहीं की। चिकित्सकों से बार-बार आग्रह भी किया गया कि नवजात को सांस लेने में भी परेशानी हो रही है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अस्पताल के लापरवाहपूर्ण रवैए की वजह से ही 17 मार्च की तड़के नवजात की मौत हो गई। अजय रावत ने आशंका जताई कि अस्पताल में फैली गंदगी की वजह से ही नवजात बच्चों को संक्रमण होता है।
गंदगी के बावजूद वसूली :
जनाना अस्पताल में चारों तरफ गंदगी फैली हुई है, लेकिन इसके बावजूद भी नर्सिंग और सफाई कर्मचारी बच्चे के जन्म पर जबरन वसूली से बाज नहीं आते हैं। पुत्र के जन्म पर तो मोटा नजराना मांगा जाता है। सब जानते हैं कि सरकारी अस्पताल में गरीब व्यक्ति ही ईलाज के लिए आता है, लेकिन नजराना मांगने वालों को किसी की गरीबी पर रहम नहीं आता। यह बात अलग है कि सरकारी विज्ञापनों में सरकारी अस्पतालों में ही डिलिवरी करवाने को सुरक्षित बताया जाता है।
एस.पी.मित्तल) (17-03-17)
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