माहेश्वरी समाज के समारोहों में अब बेकार नहीं होगा भोजन। अजमेर का वार्ड तीन मधुमेह रोग से मुक्त होने की ओर। काम हों तो ऐसे।
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यूं तो समाज सेवा के अनेक काम होते हैं। लेकिन कुछ काम ऐसे होते हैं, जिनसे दूसरे लोग प्रेरणा ले सकते हैं। मुझे 18 मार्च की रात को अजमेर के रामगंज क्षेत्र की श्री माहेश्वरी मंगल समिति के फाग महा उत्सव और 19 मार्च की सुबह रामनगर स्थित वार्ड संख्या 3 के एक चिकित्सा शिविर में मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लेने का अवसर मिला। रामनगर के प्रियांक पैलेस में लगे शिविर में प्रात: 6 बजे से ही लोगों की भीड़ लग गई। क्षेत्र के पार्षद ज्ञान सारस्वत ने बताया कि विवेकानन्द अनुसंधान केन्द्र बैंगलोर के सहयोग से उनके वार्ड को मधुमेह मुक्त बनाया जा रहा है। जिन घरों में सर्वें किया गया, उनके मरीज आज जांच करवाने के लिए आए हैं। प्रत्येक मरीज का बायोडेटा लेपटाप पर रखा गया है और शिविर में आने के लिए मरीज को चार-चार बार मोबाइल पर सूचना दी गई। महिलाएं अपने घरों का काम छोड़कर पहले जांच के लिए आई। एमडीएस यूनिवर्सिटी में चल रहे योग विभाग के प्रमुख डॉ. लारा के नेतृत्व में युवकों ने मोर्चा संभाल रखा था। कोई पांच सौ से भी ज्यादा मरीजों ने मधुमेह से संबंधित निशुल्क जांच करवाई। इस जांच के बाद योग का एक शिविर लगाया जाएगा, जिसमें बिना दवाई के मधुमेह रोग को ठीक किया जाएगा। शिविर में आने वलो रोगियों को जौ आदि के जूस भी दिए जाएंगे। हमारा प्रयास है कि अजमेर के वार्ड संख्या 3 में एक भी निवासी मधुमेह का रोगी न हो। मधुमेह के रोग से मुक्त होने के लिए और अधिक जानकारी पार्षद सारस्वत के मोबाइल नंबर 8058796562 पर ली जा सकती है। 18 मार्च की रात को सुभाष नगर स्थित शिव मंदिर के परिसर में श्री माहेश्वरी मंगल समिति की ओर से फाग महोत्सव हुआ। इस महोत्सव में उपस्थित माहेश्वरी समाज के महिला-पुरूषों ने संकल्प लिया कि समारोह में भोजन को बेकार नहीं होने दिया जाएगा। समिति के अध्यक्ष अजय ईनानी, उपाध्यक्ष पी.पी. माहेश्वरी, सचिव दिनेश काबरा, वेद प्रकाश सोमानी, संजय गगरानी आदि ने बताया कि समाज के समारोह में फ्रेम वाले बैनर रखे जाएंगे ताकि भोजन को बेकार नहीं करने के प्रति लोगों को जागरूक किया जाए। पहले तो इस बात का प्रयास होगा कि लोग आवश्यकता अनुरूप ही प्लेट में खाद्य सामग्री लें। लेकिन किन्ही कारण से प्लेट में खाद्य सामग्री बच जाती है तो उसे एकत्रित कर जरूरतमंंद व्यक्तियों को वितरित की जाए। इसके लिए समाज के युवकों की एक टीम बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि शादी-ब्याह के समारोहों में भोजन सामग्री बेकार न जाए तो देश के विकास में एक बड़ा योगदान दिया जा सकता है।
एस.पी.मित्तल) (19-03-17)
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