तो फिर आडवाणी और जोशी नहीं लड़ सकेंगे राष्ट्रपति अथवा उपराष्ट्रपति का चुनाव!
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6 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने एक अर्जी दाखिल कर कहा है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती सहित 13 नेताओं के खिलाफ बाबरी ढांचा गिराया जांच के प्रकरण में आपराधिक साजिश का ट्रायल चलना चाहिए। साथ ही राय बरेली तथा लखनऊ की स्पेशल कोर्ट में चल रहे मुकदमों की सुनवाई भी एक साथ हो। सीबीआई ने यह भी कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साजिश की धारा हटाने का जो फैसला दिया, उसे भी रद्द किया जाए। चूंकि यह मांग सीबीआई की ओर से की गई है,इसलिए माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट अब भाजपा नेताओं पर साजिश वाली धारा लगा कर मुकदमे की सुनवाई करने का आदेश दे देगा। यदि ऐसा होता है तो फिर आडवाणी और जोशी के राष्ट्रपति अथवा उपराष्ट्रपति बनने पर प्रश्नचिह्न लग जाएगा। देश के इन दोनों महत्त्वपूर्ण पदों के लिए इसी वर्ष जुलाई में चुनाव होने हैं। चूंकि भाजपा के पास पूर्ण बहुमत है, इसलिए प्रधानमंत्री मोदी की राय से ही राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति बनेंगे। भाजपा में यह चर्चा चलती रहती है कि आडवाणी और जोशी को भी राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति बनाया जा सकता है। लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान और बाद में मोदी के पीएम बनने पर इन दोनों नेताओं का रुख नकारात्मक देखा गया। हालांकि वर्तमान में आडवाणी और जोशी मार्गदर्शक मंडल के सदस्य हैं, लेकिन सब जानते हैं कि इन दोनों नेताओं की राय कितनी मानी जा रही है।
(एस.पी.मित्तल) (06-04-17)
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