शिक्षा मंत्री देवनानी के खिलाफ ब्राहमणों ने लिखे खून से पत्र। देवनानी ने कहा मेरी ही पार्टी के लोग कर रहे हैं षडय़ंत्र।

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राजस्थान के स्कूली शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने विगत दिनों जयपुर में ब्राह्मणों को लेकर कथित तौर पर जो टिप्पणी की, उसका विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। 17 अप्रेल को अजमेर के बजरंग गढ़ चौराहे पर ब्राह्मण समुदाय के लोग एकत्रित हुए और एक चिकित्साकर्मी के जरिए अपने शरीर से खून निकलवाया। बाद में ब्राह्मणों ने एकत्रित खून से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे आदि को 70 से भी ज्यादा पत्र लिखे। इन पत्रों में कहा गया कि देवनानी ने अपने कथन से ब्राह्मणों का अपमान किया है, इसलिए मंत्री पद से हटाया जाए। खून देने वालों में सत्यनारायण शर्मा, विवेक पाराशर, योगेन्द्र ओझा, बृजेश पांडे, अजय त्रिपाठी, राजीव शर्मा, सुदामा शर्मा आदि शामिल थे। असल में विगत दिनों जयपुर में आयोजित एक समारोह में जब देवनानी से उनके नाम से पहले प्रोफेसर लगाए जाने के बारे में सवाल किया गया तो देवनानी ने कहा कि पंडित शब्द का अर्थ विद्वता से होता है, लेकिन सभी ब्राह्मण पंडित शब्द का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि यह माना कि उनके पास प्रोफेसर की डिग्री और शैक्षिक योग्यता नहीं है।
राजनीतिक षडय़ंत्र :
ब्राह्मणों के विरोध के सम्बन्ध में देवनानी का कहना है कि यह मेरे खिलाफ राजनीतिक षडय़ंत्र है और इस षडय़ंत्र में मेरी ही पार्टी के कुछ लोग शामिल हैं। ऐसे लोगों की शिकायत मैं भाजपा प्रदेश नेतृत्व से करूंगा। उन्होंने कहा कि जयपुर में मैंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया, जिससे ब्राह्मण समुदाय का अपमान होता हो। यदि किसी के पास कोई सबूत हो तो बताएं। जहां तक मेरे द्वारा नाम से पहले प्रोफेसर लगाने का सवाल है तो इसका जवाब अब मैं हाईकोर्ट में ही दूंगा। मालूम हो कि एक जनहित याचिका पर इस मुद्दे पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और देवनानी को नोटिस भी दिया है।
(एस.पी.मित्तल) (17-04-17)
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