महंगा दूध खरीद कर अजमेर के उपभोक्ताओं को सस्ते में बेचने का चमत्कार डेयरी अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी ही कर सकते हैं। बड़े-बड़े अर्थशास्त्री फेल हैं, इस गणित के सामने। ===============

#2637
महंगा दूध खरीद कर अजमेर के उपभोक्ताओं को सस्ते में बेचने का चमत्कार डेयरी अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी ही कर सकते हैं। बड़े-बड़े अर्थशास्त्री फेल हैं, इस गणित के सामने।
=========================================
राज्य और केन्द्र सरकार के नियमों के अन्तर्गत सहकारिता के क्षेत्र में चलने वाली अजमेर डेयरी पशुपालकों से औसतन 42 रुपए 25 पैसे प्रति लीटर के भाव से दूध की खरीद करती है। लेकिन वहीं उपभोक्ताओं को सामान्य श्रेणी की उत्तम क्वालिटी वाला दूध 38 रुपए प्रति लीटर बेचा जाता है। 42 रुपए में खरीद कर 38 रुपए में दूध बेचने का चमत्कार डेयरी के अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी ही कर सकते हैं। चौधरी ने उत्पादन और सप्लाई की जो गणित लगाई है, उसके सामने देश के बड़े-बड़े अर्थशास्त्री फेल है। इस चमत्कार के बारे में चौधरी से जानकारी ली गई तो उन्होंने माना कि 1 जून से बढ़ाए गए खरीद मूल्य की वजह से डेयरी को प्रतिमाह करीब 1 करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान होगा। लेकिन उनके लिए जिले भर के गरीब पशुपालक पहले है। मई माह से लेकर सितम्बर तक के 5 माह को लियन सीजन कहा जाता है। इस सीजन में दूध का उत्पादन कम और मांग अधिक होती है। इस सीजन में पशुपालकों को प्राईवेट डेयरीयों के चंगुल से बचाने के लिए ही खरीद मूल्य बढ़ाया जाता है। उन्होंने बताया कि डेयरी दो प्रकार के दूध की बिक्री करती है। सामान्य दूध 38 रुपए में तथा गोल्ड दूध 48 रुपए प्रति लीटर के भाव बेचा जाता है। एक लाख 40 हजार लीटर गोल्ड दूध की बिक्री प्रतिदिन की जाती है। गोल्ड दूध से जो अधिक राशि प्राप्त होती है, उसकी कुछ भरपाई खरीद मूल्य के घाटे में की जाती है। इसी प्रकार घी, पाउडर, मावा, मिठाई, छाछ आदि उत्पादों से भी डेयरी को मुनाफा होता है। चूंकि डेयरी का संचालन बिना लाभ-हानि के उद्देश्य से हो रहा है। इसलिए पशुपालकों के साथ-साथ उपभोक्ता के हितों का भी ख्याल रखा जाता है। चौधरी ने उपभोक्ताओं से अपील की कि वे डेयरी के दूध और अन्य उत्पादों का ही उपयोग करे। गुणवत्ता की दृष्टि से से दूध और उसके सहायक उत्पाद उत्तम क्वालिटी के हैं। चौधरी ने बताया कि पशुपालकों से दूध खरीदकर प्लांट तक लाने में गोल्ड चैन सिस्टम की महत्वपूर्ण भूमिका है। दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों में बल्क मिल्क कूलर लगे हुए हैं। यहीं पर दूध को 4 डिग्री तापमान तक ठंडा किया जाता है और फिर इसी अवस्था में प्लांट पर लाकर दूध की प्रोसेसिंग की जाती है। अजमेर डेयरी प्रतिदिन करीब 3 लाख लीटर दूध का संकलन करती है। इसमें से करीब 2 लाख लीटर दूध की बिक्री अजमेर जिले में की जाती है जबकि 25 हजार लीटर चित्तौड़ डेयरी को तथा 40 हजार लीटर दिल्ली भेजा जाता है, शेष दूध से घी, पाउडर, मावा, छाछ, श्रीखण्ड, दही आदि उत्पाद तैयार किए जाते हैं।
(एस.पी.मित्तल) (01-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...