तो मध्य प्रदेश की पुनर्रावृति राजस्थान में नहीं होने देगी भाजपा। भारतीय किसान संघ के आंदोलन में कूदने को तैयार है कांग्रेस। दोनों का है धरना-प्रदर्शन। ===================
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तो मध्य प्रदेश की पुनर्रावृति राजस्थान में नहीं होने देगी भाजपा। भारतीय किसान संघ के आंदोलन में कूदने को तैयार है कांग्रेस। दोनों का है धरना-प्रदर्शन।
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दूध का जला छाछ को भी फूंक-फूंक कर पीता है। कुछ यही कहावत राजस्थान में किसान आंदोलन को लेकर चरितार्थ हो रही है। भाजपा के बड़े नेता नहीं चाहते हैं कि मध्य प्रदेश की पुनर्रावृति राजस्थान में हो। सब जानते हैं कि मध्य प्रदेश में संघ परिवार के सदस्य भारतीय किसान संघ ने ही आंदोलन की शुरूआत की थी और फिर कांग्रेस ने इस आंदोलन को हवा दे दी। फलस्वरूप मंदसौर में 6 किसान पुलिस की गोली से मारे गए। राजस्थान में भी भारतीय किसान संघ ही आंदोलन की शुरूआत कर रहा है, जहां कांग्रेस मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान में भी किसान आंदोलन को खड़ा करना चाहती है, वहीं भाजपा पहले से ही सतर्क हो गई है। अब 15 से 18 जून तक किसान संघ धरना तो देगा, लेकिन कोई प्रदर्शन अथवा जाम नहीं होगा। यहां तक कि सरकारी दफ्तरों से भी संघ से जुड़े किसान दूर रहेंगे। अजमेर में पहले संभाग मुख्यालय पर घेराव की घोषणा थी, लेकिन अब किसान संघ के कार्यकर्ता आजाद पार्क में ही शांतिपूर्ण तरीके से धरना देंगे। सभी कार्यकर्ताओं को निर्देंश दिए गए हैं कि वे किसी भी प्रकार से हुड़दंग अथवा प्रदर्शन आदि न करें। यही वजह है कि किसान संघ के बड़े नेता प्रदेश भर के संभाग मुख्यालयों पर पहुंच गए हैं। अब किसान संघ के आंदोलन का उद्देश्य सिर्फ किसानों की समस्याओं की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करना है। कलेक्टर अथवा संभागीय आयुक्त को ज्ञापन देने के लिए भी मुश्किल से 5 प्रतिनिधि जाएंगे। भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधि नहीं चाहते हैं कि उनके आंदोलन का राजनीतिक लाभ कांग्रेस उठाए। हालांकि 14 जून को कांग्रेस ने भी जिला मुख्यालयों पर किसानों की समस्याओं को लेकर धरना देने की घोषणा की है। अजमेर में यह धरना प्रात: 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक कलेक्ट्रेट के बाहर किया जाएगा। ऐसे धरने प्रदेश भर में होंगे। कांग्रेस ने अपनी ओर से किसान आंदोलन की कोई रणनीति नहीं बनाई है। कांग्रेस का मकसद तो भारतीय किसान संघ के आंदोलन को हवा देना है।
सरकार ने बुलाई आपात बैठक :
भारतीय किसान संघ और कांग्रेस के किसान आंदोलन के मद्देनजर गृहमंत्री गुलाब चन्द कटारिया ने 13 जून को जयपुर में एक उच्चस्तरीय आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में ताजा हालातों पर गंभीरता के साथ विचार किया गया। बैठक के बाद प्रदेश भर के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक निर्देंश दिए।
एस.पी.मित्तल) (13-06-17)
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