40 प्रतिशत आधारभूत विकास सरचार्ज के बाद अब 33 प्रतिशत सीवरेज सरचार्ज की वसूली। आखिर इस सरकारी लूट को कौन रोकेगा? अजमेर के दोनों भाजपा विधायक जवाब दें। ==========
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40 प्रतिशत आधारभूत विकास सरचार्ज के बाद अब 33 प्रतिशत सीवरेज सरचार्ज की वसूली। आखिर इस सरकारी लूट को कौन रोकेगा? अजमेर के दोनों भाजपा विधायक जवाब दें।
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अजमेर में इसे सरकारी लूट ही कहा जाएगा कि नगर निगम ने पानी के बिल के साथ उपभोक्ताओं से 33 प्रतिशत सीवरेज सरचार्ज वसूलने का फैसला कर लिया है। उपभोक्ताओं को सितम्बर माह में जो पानी का बिल मिलेगा, उसमें 33 प्रतिशत की अधिक वसूली होगी। जबकि अजमेर के उपभोक्ताओं से पहले ही आधारभूत विकास सरचार्ज के तौर पर 40 प्रतिशत की राशि वसूली जा रही है। यानि सितम्बर माह से उपभोक्ताओं को करीब 75 प्रतिशत शुल्क तो सरचार्ज के तौर पर ही देना पड़ेगा। शहर के अधिकांश घरेलू उपभोक्ताओं को इस समय न्यूनतम उपभोग का बिल मिल रहा है। दो माह में एक बाद दिए जाने वाले पानी के बिल में उपभोग की राशि 110 रुपए दर्शाई गई है। इस पर आधारभूत विकास सरचार्ज के 41 रुपए 25 पैसे अंकित किए गए हैं। इतना ही नहीं 55 रुपए स्थाई शुल्क भी वसूले गए हैं। यानि सितम्बर माह से 66 रुपए की राशि और जुड़ जाएगी। यह सरासर सरकारी लूट है। सवाल उठता है कि जब 110 रुपए के बिल में 41 रुपए आधारभूत विकास और 55 रुपए स्थाई शुल्क के वसूले जा रहे हैं तो फिर सीवरेज सरचार्ज क्यों वसूला जा रहा है। सरकार जब नाली निर्माण का काम भी करती है तो उसके मंत्री निर्माण कार्य का फीता काटने पहुंच जाते हैं। दावा यह किया जाता है कि यह काम सरकार करवा रही है। जबकि अजमेर में पानी के बिल के साथ उपभोक्ताओं से सरचार्ज पर सरचार्ज वसूला जा रहा है। यानि विकास कार्य पर खर्च होने वाली राशि का भुगतान आम नागरिक ही कर रहा है।
देवनानी और भदेल जवाब दें :
अजमेर शहर का प्रतिनिधित्व वासुदेव देवनानी और श्रीमती अनिता भदेल करती हैं। यह दोनों भाजपा विधायक सरकार में स्वतन्त्र प्रभार के मंत्री भी हैं। यानि सरकार जो निर्णय लेती है, उसमें इन दोनों की सहमति भी होती है। देवनानी और भदेल को यह बताना चाहिए कि जब पानी के बिल में आधारभूत विकास सरचार्ज की वसूली पहले से ही हो रही है तो फिर सीवरेज सरचार्ज की वसूली क्यों की जा रही है? देवनानी और भदेल यह भी अच्छी तरह जानते हैं कि अजमेर में अभी सीवरेज लाईन शुरू भी नहीं हुई है। आनासागर और खानपुरा तालाब के ट्रीटमेंट प्लांट भी शुरू नहीं हुए हैं। जबकि सीवरेज सरचार्ज के नाम पर नगर निगम प्रतिमाह तीस लाख रुपए की वसूली कर रहा है। देवनानी और भदेल को यह समझना चाहिए कि मात्र डेढ़ वर्ष बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं और दोनों ने ही लगातार चौथी बार चुनाव लडऩे की तैयारियां कर दी है। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि भाजपा इन दोनों को चुनाव में उम्मीदवार बनाएगी या नहीं, लेकिन दोनों को यह लगता है कि उन्हें ही उम्मीदवार बनाना पार्टी की मजबूरी है।
एस.पी.मित्तल) (18-07-17)
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