दोस्त और दुश्मन को पहचानने की समझ देने के लिए मौलाना महमूद मदनी ने की ख्वाजा साहब की दरगाह में दुआ।

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21 जुलाई को ऑल इंडिया जमीयत उलेमा ए हिन्द के प्रमुख और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना महमूद मदनी ने अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में जियारत की। जियारत के बाद मौलाना मदनी ने मुझ से संवाद भी किया। मैं चाहता था कि मौलाना मदनी देश के ज्वलंत मुद्दों पर अपने विचार रखें। लेकिन मौलाना ने मुझ से विन्रमता के साथ कहा कि आज मैं सिर्फ दरगाह में जियारत के लिए आया हंू। इसलिए राजनीतिक मुद्दों पर बात नहीं करुंगा। लेकिन मौलाना ने कहा कि उन्होंने ख्वाजा साहब के दरबार में यह दुआ की है कि हमें दोस्त और दुश्मनों को पहचानने की समझ दें। उन्होंने कहा कि ख्वाजा साहब का दरबार ऐसा है, जहां हर दुआ कबूल होती है। यदि हमें यह समझ आ जाए कि हमारा दोस्त कौन है और दुश्मन कौन, तो फिर अनेक समस्याओं का समाधान हो जाएगा। उन्होंने इसे अफसोसनाक बताया कि विदेशी ताकतों के इशारे पर हमारे देश का माहौल खराब किया जा रहा है। मौलाना ने सूफी परंपरा के अनुरूप ख्वाजा साहब की दरगाह में मखमली व फूलों की चादर पेश की। दरगाह के खादिमों की संस्था सैय्यद जादगान के अध्यक्ष मोईन सरकार ने मदनी को जियारत करवाई और दरगाह का तबर्रुक भेंट किया। इस मौके पर खादिमों की दूसरी संस्था शेख जादगान के सचिव माजिद चिश्ती और गरीब नवाज सूफी मिशन सोसायटी के अध्यक्ष जुल्फीकार चिश्ती ने भी मदनी का इस्तकबाल किया। अजमेर पहुंचने पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से जुड़े मौलाना अयूब काजमी ने भी मदनी का स्वागत किया।
एस.पी.मित्तल) (21-07-17)
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