बेटा इतना गिर चुका है कि अब मैं शक्ल देखना नहीं चाहता। रेमण्ड के मालिक विजयपत सिंघानिया ने बयां किया अपना दर्द।

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देश के सुप्रसिद्ध औद्योगिक घराने रेमण्ड के मालिक विजयपत सिंघानिया ने कहा है कि मेरा बेटा गौतम सिंघानिया इतना गिर चुका है कि अब मैं उसकी शक्ल देखना नहीं चाहता। 14 अगस्त को एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में बुजुर्ग सिंघानिया ने कहा कि मैंने मुम्बई स्थित संपत्ति को लेकर न्यायालय में जो वाद दायर किया है, उसमें अदालत ने मुझे अपने बेटे से बात करने के लिए कहा है। मैं अदालत के फैसले का सम्मान तो करता हूं, लेकिन मैं अब अपने बेटे गौतम सिंघानिया की शक्ल देखना पसंद नहीं करता। मैंने अपने वकीलों से कहा है कि वे कोर्ट के आदेश के अनुरुप मेरे बेटे से बात करें। बुजुर्ग सिंघानिया ने इस बात पर अफसोस जताया कि जिस बेटे को मैंने अपना सब कुछ दे दिया वहीं बेटा आज मुझ पर लांछन लगा रहा है। वो मुझे पूरी तरह निचोडऩा चाहता है। मेरे साथ जो गुजरी है वह किसी भी माता-पिता के साथ नहीं गुजरे। मैं माता-पिता को यह सलाह देना चाहता हूं कि वह अपने बेटे की अच्छी तरह देखभाल करें, प्यार करें, लेकिन सब कुछ आंख बंद कर न करें। अपने भविष्य का भी ख्याल रखें। आज मैं बहुत ही बुरे दौर से गुजर रहा हूं और मेरे बेटे गौतम सिंघानिया ने मुझे मेरे हाल पर छोड़ दिया है। मुझे बेहद मजबूरी में अदालत की शरण लेनी पड़ी है। मेरा कारोबार करोड़ों रुपयों का है, लेकिन मुझे मोहताज होना पड़ रहा है। मालूम हो कि रेमण्ड के अध्यक्ष की हैसियत से गौतम सिंघानिया ने संपूर्ण कारोबार पर एकाधिकार कर लिया है। गौतम का कहना है कि उसके पिता वक्त के साथ नहीं चल रहे है, इसलिए उन्हें बुरे दिन देखने पड़ रहे है। मुम्बई की एक बिल्डिंग में एक हिस्से को लेकर ही बुजुर्ग सिंघानिया ने अदालत की शरण ली है।
एस.पी.मित्तल) (14-08-17)
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