जब अनुच्छेद 370 का लाभ लेते हंै तो फिर देशभक्ति क्यों नहीं दिखाते कश्मीरी। अब उमर अब्दुल्ला ने चेताया।

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जब पूरा देश स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रहा है, तब 14 अगस्त को जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला का एक बयान सामने आया है। उमर ने कहा है कि यदि अनुच्छेद 370 को खत्म किया गया तो अन्य राज्यों के लोग कश्मीर आकर संपत्तियां खरीदेंगे और अपने बच्चों के लिए शैक्षणिक स्कॉलरशिप हांसिल करेंगे। राहत सामग्री लेंगे और सरकारी नौकरियां भी ले लेंगे। यानि उमर अब्दुल्ला यह मानते है कि अनुच्छेद 370 की वजह से कश्मीरी अतिरिक्त सुविधाएं प्राप्त कर रहे हंै। जब कि ऐसी सुविधाएं देश के अन्य नागरिकों को नहीं मिल रही। सवाल उठता है कि जब विशेष सुविधाएं ली जा रही हैं तो फिर कश्मीरी देशभक्ति क्यों नहीं दिखाते? उमर अब्दुल्ला और उनके पिता फारूख अब्दुल्ला बताएं कि जो कश्मीरी हमारे सुरक्षा बलो पर पत्थर फैंकते है उन्हें अनुच्छेद 370 का लाभ दिया जाए? इसे देश की व्यवस्था का मजाक ही कहा जाएगा जो कश्मीरी आतंकवादियों का साथ देते हैं वो कश्मीरी ही विशेष सुविधाएं प्राप्त कर रहे हैं। पिता-पुत्र को यह समझना चाहिए कि आज कश्मीरियों को जो सुविधाएं मिली हुई हैं, वह देश के आम नागरिक से टैक्स वसूल कर दी जाती है। यानि कश्मीरियों का बोझ देश का आम नागरिक उठा रहा है। यह हालात तब है जब अलगाववादियों ने चार लाख हिन्दुओंं को पीट-पीटकर कश्मीर से भगा दिया। फारूख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला कश्मीरियों के लिए अनुच्छेद 370 को लागू रखने की बात तो कहते है, लेकिन अपने ही देश के शरणार्थी बने हिन्दुओं को वापस कश्मीर में बसाने की बात नहीं करते। यदि देश के एक हिस्से में हिन्दू समुदाय के लोग नहीं रह सकते तो कश्मीरी को भी अनुच्छेद 370 का लाभ नहीं मिलना चाहिए। अब्दुल्ला परिवार के शासन में ही हिन्दुओं को कश्मीर से भगाया गया। क्या हिन्दुओं को कश्मीर का नागरिक होने के नाते अनुच्छेद 370 का लाभ नहीं मिलना चाहिए? इसे बेहद शर्मनाक कहा जाएगा कि 4 लाख हिन्दुओं को भगा कर अब्दुल्ला परिवार आज कश्मीरियों के लिए 370 की वकालत कर रहे है।
एस.पी.मित्तल) (14-08-17)
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