पांच वर्ष में भी पाली के युवक मनोहर के अपहरण का कोई सुराग नहीं लगा पाई राजस्थान पुलिस। जांच का काम अब सीबीआई को सौंपा। आखिर किस काम के हैं पाली के सांसद पीपी चौधरी? क्या अब हाई कोर्ट का हथौड़ा काम आएगा।

13 जुलाई तक भी राजस्थान के पाली जिले के नेतरा गांव के युवक मनोहर राजपुरोहित का कोई सुराग नहीं मिला है। मनोहर जब 16 वर्ष का था तब 23 नवम्बर 2016 को अपने गांव से ट्यूशन पढऩे के लिए फालना गया था। जब शाम तक मनोहर वापस नहीं लौटा तो घर वालों ने तलाश शुरू की। दो दिन बाद मनोहर के लापता होने की रिपोर्ट पुलिस में लिखवा दी। एक सप्ताह बाद ही मनोहर के अपहरण की खबर आ गई। अपहरणकर्ताओं ने 25 लाख रुपए की मांग की। अपहर्ताओं ने जो पत्र भेजे वो भी पुलिस को उपलब्ध करवा दिए गए । उस समय राजस्थान में भाजपा सरकार का नेतृत्व श्रीमती वसुंधरा राजे कर रही थी और अब कांग्रेस सरकार का नेतृत्व अशोक गहलोत कर रहे हैं। यदि मनोहर जिंदा है तो उसकी उम्र 22 वर्ष हो गई है। लेकिन दोनों ही सरकारों को मनोहर का कोई सुराग नहीं मिला है। यानी राज कांग्रेस का हो या भाजपा का पुलिस का रवैया एक समान होता है। मनोहर की तलाश को लेकर राजपुरोहित समाज ने प्रदेशभर में कई बार आंदोलन किए। लेकिन इन आंदोलनों का किसी भी सरकार पर कोई असर नहीं हुआ। गत मार्च माह में जब राजपुरोहित समाज ने एक बड़ी रैली की तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की घोषणा कर दी। मार्च माह में ही राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार को सिफारशी पत्र भी भेज दिया। लेकिन चार माह गुजर जाने के बाद भी सीबीआई ने जांच का काम शुरू नहीं किया है। सीबीआई की जांच करवाने के लिए राजपुरोहित समाज ने पाली के भाजपा सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री पीपी चौधरी से भी संपर्क साधा लेकिन दिल्ली में चौधरी का प्रभाव भी काम नहीं आया है। राजपुरोहित समाज इस बात से खफा है कि चुनाव में वोट मांगने के लिए कांग्रेस और भाजपा के नेता आ जाते हैं, लेकिन मुसीबत के समय कोई नेता काम नहीं आता है। जहां वसुंधरा राजे की सरकार के ढाई वर्ष गुजर गए वहीं गहलोत सरकार ने भी ढाई वर्ष में मनोहर के मामले की कोई सुध नहीं ली। सीबीआई की जांच की सिफारिश कर राजस्थान पुलिस अपने दायित्व से मुक्त हो गई है। राजपुरोहित समाज को इस बात का भी अफसोस है कि समाज के कई आईएएस और आईपीएस अफसर हैं, लेकिन समाज की कोई मदद नहीं कर रहे हैं। सवाल उठता है कि सांसद चौधरी अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सीबीआई से जांच का काम शुरू क्यों नहीं करवाते हैं? चार माह के बाद भी जांच शुरू नहीं होने पर मनोहर के पिता प्रकाश सिंह राजपुरोहित ने हाईकोर्ट की जोधपुर स्थित मुख्य पीठ में याचिका दायर की है। इस याचिका पर गत 6 जुलाई को कोर्ट ने केन्द्र सरकार और सीबीआई के निदेशक को नोटिस जारी किया है। दोनों को चार सप्ताह में जवाब देना है। सवाल उठता है कि क्या अब हाईकोर्ट का डंडा ही काम आएगा। सीबीआई और राजस्थान पुलिस के लिए मनोहर के अपहरण का मामला भले ही गंभीरता नहीं रखता हो, लेकिन उन माता पिता की स्थिति का अंदाजा लगाया जाए जो अपने लड़ले के इंतजार में घर के दरवाजे की ओर टकटकी लगा कर देख रहे हैं। युवक मनोहर के प्रकरण में और अधिक जानकारी राजपुरोहित समाज के प्रतिनिधि नंदूसिंह राजपुरोहित से मोबाइल नम्बर 9521844461 पर ली जा सकती है। लापता मनोहर का फोटो मेरे फेसबुक पेज www.facebook.com/SPMittalblog पर देखा जा सकता है। S.P.MITTAL BLOGGER (12-07-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511

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