अन्य समाजों के लिए आदर्श है अजमेर का गुजराती समाज का स्कूल। =
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28 अगस्त को मेरे लिए यह सौभाग्य की बात रही कि जिस स्कूल में मैंने तीन वर्ष पढ़ाई की उसी स्कूल में छात्र कल्याण परिषद के शपथ समारोह में मुख्य अतिथि की हैसियत से उपस्थित था। अपने संबोधन में मैंने स्कूल विद्यार्थियों को एक अच्छा नागरिक बनने की सलाह तो दी, लेकिन मुझे यह जान कर आश्चर्य हुआ कि अजमेर के कचहरी रोड पर जो गुजराती सीनियर हायर सैकंडरी स्कूल संचालित है, उसके गुजराती समाज के अजमेर में मात्र 60 परिवार है। कोई 1500 विद्यार्थियों वाले गुजराती स्कूल को चलाने वाले समाज के ट्रस्ट में कभी भी कोई विवाद नहीं होता। स्कूल से कोई 20 वर्ष पहले रिटायर हुए प्रिंसिपल कन्हैयालाल शर्मा को ही निदेशक बनाकर स्कूल की बागडोर सौंप दी। हालांकि अब शिक्षा बोर्ड ने मेरिट की सूची जारी करना बंद कर दिया, लेकिन इससे पहले तक प्रतिवर्ष इस स्कूल के विद्यार्थी राज्य स्तरीय मेरिट में स्थान बनाते रहे। शहर के बीचों बीच बने इस स्कूल के कमरे इस तरह बनाए गए हैं ताकि प्रकाश और हवा हमेशा बनी रहे। इसे स्कूल की उपलब्धि ही कहा जाएगा कि प्रतिवर्ष 300 विद्यार्थियों की स्कूल फीस माफ की जाती है। सामाजिक बदलाव को देखते हुए स्कूल में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई शुरू करवा दी गई है। स्कूल के प्राचार्य अनिल शर्मा ने बताया कि आज हर अभिभावक चाहता है कि उसका बच्च इंग्लिश स्कूल में पढ़ें। निदेशक के.एल.शर्मा ने बताया कि स्मार्ट कक्षाओं के साथ-साथ तीन अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं भी स्कूल में हैं। कमजोर विद्यार्थियों के लिए स्कूल में ही अतिरिक्त कक्षाएं लगाई जाती है। पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थियों को सुयोग्य नागरिक बनने की शिक्षा भी दी जाती है।
मोबाइल की बुराईयों से बचे विद्यार्थीः
मैंने अपने संबोधन में यह भी कहा कि इस स्कूल की छात्र कल्याण परिषद का शपथ ग्रहण समारोह गणेश महोत्सव के दौरान हो रहा है। विद्यार्थियों को भगवान गणेश के आदर्शों का पालन करना चाहिए। मेरा यह भी कहना रहा कि विद्य़ार्थियों को मोबाइल की बुराईयों से बचना चाहिए। हालांकि आज की रोजमर्रा जिन्दगी में मोबाइल की उपयोगिता बढ़ गई है, लेकिन हमे मोबाइल की बुराईयों से भी बचना चाहिए। मोबाइल का उपयोग सिर्फ जरूरी कामों के लिए ही किया जाए।
बधाई के पात्र है समाज के पदाधिकारीः
इसमें कोई दो राय नहीं कि अजमेर के गुजराती समाज के पदाधिकारी बधाई के पात्र हैं। बिना किसी विवाद के पूरा समाज एकजुट है। मात्र 60 परिवारों से बना गुजराती समाज इतना बढ़िया स्कूल अजमेर में चला रहा है। स्कूल चलाने वाले ट्रस्ट के अध्यक्ष चन्द्रकांत पटेल, सचिव नितिन भाई मेहता समाज के अध्यक्ष यशवंत भाई सोनेजी, मनोहर लाल मेहता, कांति भाई पटेल, मन्नू भाई आदि का स्कूल के संचालन में विशेष योगदान है।
एस.पी.मित्तल) (28-08-17)
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