बलात्कारी राम रहीम पर जब अंग तस्करी के भी आरोप। धर्म के नाम अंध भक्ति करने वाले सबक लें। गुनाहों के परिणामों को कोई धर्म गुरु कम या खत्म नहीं कर सकता।

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8 सितम्बर को टीवी न्यूज चैनलों पर दिनभर बलात्कारी बाबा राम रहीम के सिरसा स्थित डेरे की तलाशी की खबरें दिखाते रहे। खबरों में यहां तक बता दिया कि बाबा राम रहीम अपने भक्तों के मृत शरीर के अंगों की तस्करी भी करता था। जिस तरह से पुलिस ने सर्च अभियान चलाया उससे प्रतीत होता है कि किसी धार्मिक स्थल की तलाशी नहीं बल्कि आतंकवादियों के किसी अड्डे की तलाशी हो रही है। बम निरोधक दस्ते और पांच हजार सशस्त्र जवानों की मौजूदगी बताती है कि बाबा राम रहीम का डेरा कितना खतरनाक था। जो लोग धर्म के नाम पर अंध भक्ति करते हैं, उन्हें डेरा सच्चा सौदा की गतिविधियों से सबक लेना चाहिए। भारतीय सनातन संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले हमारे गीता के ज्ञान में लिखा गया है कि जो जैसा कर्म करेगा उसे वैसा ही फल मिलेगा। राम रहीम ने धर्म गुरु का चोला ओंढकर कुकृत्य किए, इसलिए आज वह जेल में बंद है। भले ही राम रहीम ने स्वयं को ईश्वर का अवतार घोषित कर दिया हो, लेकिन आज उसे जेल में चार रोटी और सादी दाल खाने को मजबूर होना पड़ रहा है। जो लोग यह समझते हैं कि किसी धर्म गुरु साधु संत सूफी फकीर के पास जाने से उनके कर्मों का फल बदल जाएगा वे स्वयं के साथ धोखा कर रहे हैं। सिर्फ इतना ही हो सकता है कि जब तक आप नेक संगति में बैठे हैं, तब तक आप कोई बुरा काम न करें, लेकिन नेक संगति से पहले और बाद में आपने जो कुकृत्य किए हैं उनकी सजा अवश्य मिलेगी। यदि कोई व्यक्ति अपने घर में अपने माता-पिता की सेवा कर रहा है तो उसे किसी दूसरे भगवान के अवतार के दर पर जाने की जरुरत नहीं है। जो धर्मगुरु यह दावा करते हैं कि वे कुकृत्यों के परिणामों को बदल सकते हैं। अच्छा हो कि बुरे दिनों में व्यक्ति विपरीत परिस्थितियों से लड़ना सीख लें जो स्वयंभू अवतार स्वंय की रक्षा नहीं कर सकते वे दूसरे लोगों की कैसे करेंगे।
एस.पी.मित्तल) (08-09-17)
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