आखिर सीएम वसुंधरा राजे के चुनाव जनसंवाद पर होने वाले खर्च का बोझ कौन उठाएगा? पांच सौ से भी ज्यादा सुरक्षा कर्मी होते हैं तैनात। हेलीकाॅप्टर आदि का खर्च भी है। =======

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आखिर सीएम वसुंधरा राजे के चुनाव जनसंवाद पर होने वाले खर्च का बोझ कौन उठाएगा? पांच सौ से भी ज्यादा सुरक्षा कर्मी होते हैं तैनात। हेलीकाॅप्टर आदि का खर्च भी है।
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राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे इन दिनों अजमेर जिले में विधानसभा वार जनसंवाद कर रही हैं। 14 अक्टूबर को केकड़ी में जनसंवाद किया तो 15 व 16 को क्रमशः अजमेर दक्षिण व मसूदा विधानसभा क्षेत्र में जनसंवाद करेंगी। इससे पहले तीन विधानसभा क्षेत्रों का जनसंवाद सीएम कर चुकी है। विधानसभा स्तर पर जनसंवाद करने का मकसद लोकसभा के उपचुनाव में भाजपा को जीत दिलवाना है। सवाल उठता है कि इस राजनीतिक नजरिए से जो जनसंवाद हो रहा है उस पर होने वाले खर्च का बोझ कौन उठाएगा? यह माना कि सीएम होने के नाते वसुंधरा राजे को सुरक्षा आदि की सुविधा मिली हुई हैं, लेकिन जब कोई सीएम चुनाव के दृष्टिगत विधानसभा वार जनसंवाद करे तो फिर सवाल तो उठेंगे ही। यदि वसुंधरा राजे सीएम होने के नाते राजस्थान भर में ऐसे जनसंवाद कर रही हों तो फिर किसी को भी ऐतराज नहीं होगा। लेकिन मुख्यमंत्री का जनसंवाद अजमेर और अलवर में ही हो रहा है। इन दोनों ही जिलों में लोकसभा के उपचुनाव होने हैं। 14 अक्टूबर को अजमेर के जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह चैधरी ने सीएम राजे की केकड़ी में सुरक्षा के लिए जो इंतजाम किए उसमें पांच सौ से भी ज्यादा पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों को तैनात किया गया। पुलिस कर्मियों को अजमेर शहर और पुलिस लाइन तक से केकड़ी भेजा गया। तनख्वाह के अलावा हजारों रुपया परिवहन पर भी खर्च हो जाएगा। ऐसा सभी विधानसभा क्षेत्रों की जनसुनवाई में हो रहा है। यानि एक जनसुनवाई पर लाखों रुपया खर्च होगा। सीएम भले ही विधानसभा स्तर पर जनसुनवाई करें, लेकिन इधर से उधर जाने के लिए सरकार के हेलीकाॅप्टर का इस्तेमाल होता है।
समाज वार सुनवाईः
सीएम का जनसंवाद समाज वार हो रहा है। यानि राजपूत, जाट, गुर्जर, वैश्य, रावणा राजपूत, ब्राह्मण आदि समाजों के प्रतिनिधि सीएम से अलग-अलग मिल रहे हैं। एक ओर सर्वसमाज को साथ लेकर चलने का दावा किया जाता है तो दूसरी ओर जनसंवाद भी जाति के आधार पर हो रहा है। जो प्रतिनिधि मंडल जिस जाति का होता है उसी के अनुरूप सीएम के साथ संवाद होता है। हालांकि इसे जनसंवाद कहा गया है,लेकिन इस जनसंवाद में मीडिया के प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है। यहां तक कि फोटो भी सरकार का फोटोग्राफर खींचता है।
मांडलगढ़ में हुआ था विरोधः
13 अक्टूबर को सीएम ने भीलवाड़ा के मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में भी जनसंवाद किया था। सीएम राजे अंदर जनसंवाद कर रही थी और बाहर विद्यार्थी मित्र, अस्पतालों के कम्प्यूटर आॅपरेटर्स, काॅन्ट्रेक्ट पर काम कर रहे मजदूर आदि सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे थे। हालांकि अजमेर में अभी तक भी किसी भी विधानसभा क्षेत्र के जनसंवाद में सीएम का विरोध नहीं हुआ है। लेकिन फिर भी पुलिस की ओर से विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
एस.पी.मित्तल) (14-10-17)
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