सारस्वत का नाम एमडीएस यूनिवर्सिटी के वीसी के पैनल में होने से अजमेर के भाजपाई खुश। अभी देहात के जिला अध्यक्ष हैं सारस्वत। =========
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सारस्वत का नाम एमडीएस यूनिवर्सिटी के वीसी के पैनल में होने से अजमेर के भाजपाई खुश। अभी देहात के जिला अध्यक्ष हैं सारस्वत।
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अजमेर भाजपा के देहात जिला अध्यक्ष प्रोफेसर बी.पी. सारस्वत का नाम एमडीएस यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के पैनल में शामिल होने पर भाजपा के बड़े नेता खुश हैं। यह खुशी इसलिए नहीं की सारस्वत यूनिवर्सिटी के कुलपति बनने जा रहे हैं। बल्कि यह खुशी इसलिए है कि अजमेर में भाजपा का एक नेता राजनीति से अलग हो रहा है। जानकार सूत्रों के अनुसार एमडीएस यूनिवर्सिटी के वीसी के चयन के लिए हाल ही में दिल्ली में सर्च कमेटी की बैठक हुई। जस्टिस कुलश्रेष्ठ की अध्यक्षता वाली इस बैठक में जिन तीन नामों का पैनल तैयार किया गया, उसमें एमडीएस यूनिवर्सिटी के वाणिज्य संकाय के अध्यक्ष बीपी सारस्वत का नाम भी शामिल है। असल में कमेटी के समक्ष विचार के लिए जो बायोडेटा रखे गए, उसमें शैक्षणिक दृष्टि से सबसे ज्यादा मजबूत बायोडेटा सारस्वत का था। ऐसे में कमेटी को सारस्वत का नाम शामिल करना ही पड़ा। इस कमेटी में सदस्य के तौर पर सीकर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर बीएल शर्मा, बीकानेर स्थित कृषि विश्वविद्यालय के वीसी बीआर छीपा और जोधपुर स्थित जयनारायण यूनिवर्सिटी के वीसी आरपी सिंह शामिल थे।
नौकरी छोड़ने का नोटिस भीः
प्रोफेसर सारस्वत का भले ही वीसी के पैनल में नाम हो, लेकिन सारस्वत ने एमडीएस यूनिवर्सिटी के प्रबंधन को प्रोफेसर की नौकरी छोड़ने का नोटिस दे रखा है। इस नोटिस में कहा गया है कि अगले वर्ष जनवरी में उन्हें यूनिवर्सिटी के सभी दायित्व से मुक्त कर दिया जाए। सारस्वत की सेवानिवृत्ति नवम्बर 2020 में है। लेकिन भाजपा संगठन के काम काम के लिए सारस्वत जनवरी में ही प्रोफेसर की नौकरी छोड़ रहे हैं। सारस्वत का कहना है कि वह पूरा समय संगठन को देना चाहते हैं।
सीएम है मेहरबानः
सारस्वत राजनीति में रहते हैं या फिर यूनिवर्सिटी के वीसी बनते हैं। इसका निर्णय प्रदेश की सीएम वसुंधरा राजे ही करेंगी। यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के पद पर काम करते हुए ही सीएम ने सारस्वत को देहात जिला अध्यक्ष पद की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी थी। सारस्वत अजमेर के लोकसभा के उपचुनाव में भी दावेदार हैं। हालांकि सारस्वत ने अपनी और से टिकट की मांग नहीं की है। लेकिन उनके समर्थक चाहते हैं कि सारस्वत भाजपा के उम्मीदवार हो। समर्थकों का कहना है कि पिछले तीन वर्षों से सारस्वत ने देहात क्षेत्रों में जो मेहनत की उसका फायदा भाजपा को मिलेगा। देखना है कि सीएम राजे सारस्वत के बारे में क्या निर्णय लेती हैं। वैसे एक शिक्षाविद् होने के नाते सारस्वत को राजस्थान लोक सेवा आयोग का सदस्य अथवा राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का अध्यक्ष बनाए जाने की भी चर्चा है। आयोग में तीन पद रिक्त हैं तो बोर्ड के वर्तमान अध्यक्ष बीएल च ौधरी का आगामी 28 अक्टूबर तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा है।
एस.पी.मित्तल) (14-10-17)
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