गृहमंत्री का जमीन पर गिर जाना सरकार के लिए शुभ नहीं।
उदयपुर पुलिस की खुल गई पोल।
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राजस्थान के गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया पांच मई को जब उदयपुर में अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोहा बाजार में जनसुनवाई कर रहे थे कि तभी एक बड़ा हादसा हो गया। सुनवाई के दौरान कटारिया कुर्सी से खड़े हुए तो एक कार्यकर्ता ने कुर्सी हटा ली। कुर्सी हटने से अनजान कटारिया जब बैठे तो जमीन पर धड़ाम से गिर गए। हालांकि यह पुलिस और प्रशासन की लापरवाही भी है कि गृहमंत्री की सुरक्षा का ख्याल नहीं रखा गया। लेकिन इससे पहले इसे सरकार के लिए शुभ नहीं माना जा रहा है। राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे धर्म कर्म में बहुत विश्वास रखती हैं। राजस्थान के सभी प्रमुख मंदिरों और देश के प्रमुख मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान कर चुकी हैं। वे स्वयं अपनी राजनीतिक सफलता ईश्वर की कृपा को ही मानती हैं। कटारिया वसंुंधरा राजे के विश्वास पात्र मंत्रियों में से हैं। ऐसे में यदि राजस्थान के ताजा राजनीतिक हालातों में गृहमंत्री जमीन पर गिर जाते हैं तो फिर यह सरकार और मुख्यमंत्री के लिए शुभ संकेत नहीं है।
पुलिस की पोल खुलीः
अपने गृहमंत्री की सुरक्षा की पूर्ण जिम्मेदारी पुलिस की होती है। यह माना कि जब गृहमंत्री कटारिया अपने निर्वाचन क्षेत्र में जाते हैं तो कार्यकर्ताओं में उत्साह कुछ ज्यादा ही होता है। लेकिन फिर भी पुलिस का यह दायित्व है कि वह अपने विभाग के मंत्री का तो ख्याल रखे ही। जनसुनवाई के दौरान कार्यकर्ता ने जिस तरह गृहमंत्री की कुर्सी हटा ली उससे प्रतीत होता है कि पुलिस ने अपने विभाग के मंत्री की सुरक्षा का ख्याल ही नहीं रखा। यदि उदयपुर पुलिस की निगरानी कटारिया पर होतीे तो न कुर्सी खिसकती न गृहमंत्री धड़ाम से जमीन पर गिरते, गंभीर बात तो ये है कि उदयपुर पुलिस के आला अधिकारियों ने गृहमंत्री के जमीन पर गिर जाने की खबर को दबाए रखा। पुलिस को उम्मीद थी कि गृहमंत्री के जमीन पर गिरने का कोई सबूत नहीं है, इसलिए इस खबर को झुठला दिया जाए। लेकिन जनसुनवाई में मौजूद एक कार्यकर्ता ने जमीन पर गिरे गृहमंत्री का फोटो खींच ही लिया और भास्कर अखबार को दे दिया, यही वजह रही कि 6 मई को भास्कर में गृहमंत्री का जब फोटो छपा तो उदयपुर पुलिस की पोल खुल गई। सब जानते है कि कटारिया बुजुर्ग मंत्री हैं। ऐसे में जमीन पर अचानक गिर जाने से उन्हें चोट भी आई होगी।