तो क्या भारत की न्याय पालिका में विवाद खड़ा हो जाएगा?

तो क्या भारत की न्याय पालिका में विवाद खड़ा हो जाएगा?
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के विरुद्ध कांग्रेस की याचिका पर जस्टिस चमलेश्वर 8 मई को निर्णय देंगे।
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7 मई को कांग्रेस के दो सांसदों ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को हटाए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका प्रस्तुत की है उस पर सुप्रीम कोर्ट के दूसरे नम्बर के जस्टिस चमलेश्वर 8 मई को निर्णय देंगे। कांग्रेस के सांसदों की ओर से प्रस्तुत याचिका में पैरवी करते वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और प्रशांत भूषण ने जस्टिस चमलेश्वर से कहा कि यह याचिका चीफ जस्टिस के खिलाफ ही है, इसलिए आप ही सुनवाई करें। हालांकि पहले तो जस्टिस चमलेश्वर ने सुनवाई से इंकार कर दिया, लेकिन वकीलों के बार-बार आग्रह पर जस्टिस चमलेश्वर ने कहा कि आप कल आएं यानि 8 मई को याचिका को देखा जाएगा। जस्टिस चमलेश्वर इस याचिका पर सुनवाई करेंगे या नहीं, इस पर भी अभी रुख साफ नहीं है। यहां यह उल्लेखनीय है कि जस्टिस चमलेश्वर उन चार जजों में शामिल थे, जिन्होंने प्रेस काॅन्फ्रेंस कर चीफ जस्टिस के मास्टर आॅफ रोस्टर को चुनौती दी थी। इसके बाद भी कई मौकों पर जस्टिस चमलेश्वर चीफ जस्टिस के काम काज पर नाराजगी जता चुके हैं।
उपराष्ट्रपति ने खारिज किया महा अभियोगः
इसके पहले उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने चीफ जस्टिस के खिलाफ रखे महा अभियोग प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। उपराष्ट्रपति के इस निर्णय के खिलाफ ही कांग्रेस ने अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसलिए यह सवाल उठा है कि क्या भारत की न्यायपालिका में विवाद खड़ा हो जाएगा? देश के न्यायिक इतिहास में यह पहला अवसर है जब सर्वोच्च अदालत को लेकर इस तरह खींचतान हो रही है। शायद ही कभी चीफ जस्टिस को लेकर इस तरह का माहौल बनाया गया हो। चीफ जस्टिस के काम काज पर सुप्रीम कोर्ट के जज नहीं, बल्कि राजनीतिक दल भी ऐतराज कर रहे हैं। अब तक किसी न किसी तरीके से विवाद टलता आ रहा था, लेकिन अब विवाद जस्टिस चमलेश्वर के हाथ में आ गया है। देखना होगा कि जस्टिस चमलेश्वर कांग्रेस की याचिका पर क्या निर्णय लेते हैं।
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