कर्नाटक विधानसभा की कार्यवाही का लाइव प्रसारण हो।

कर्नाटक विधानसभा की कार्यवाही का लाइव प्रसारण हो।
ताकि निर्वाचित प्रतिनिधियों के चरित्र को देश देख सके।
राहुल गांधी ने बजाया ढोल।

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18 मई को सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है उसके अनुरूप कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदुरप्पा को 19 मई की शाम को चार बजे ही विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा। इससे पहले प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति होगी, जो नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलवाएंगे। माना जा रहा है कि विधानसभा की कार्यवाही प्रातः 11 बजे ही शुरू हो जाएगी। सब जानते है। कि हाल ही में हुए विधानसभा के चुनाव में कर्नाटक में किसी भी राजनैतिक दल को बहुमत नहीं मिला है। घोषित 222 सीटों में से 104 भाजपा, 78 कांग्रेस तथा 38 सीटे जेडीएस को मिली है दो निर्दलीय विधायक भी चुने गए हैं। ऐसे में राज्यपाल वजू भाई ने जब भाजपा के येदुरप्पा को मुख्यमंत्री शपथ दिलवा दी तो कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने राज्यपाल के फैसले पर कोई टिप्पणी किए बगैर आदेश दिया कि अब येदुरप्पा को 19 मई को ही विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा। जबकि राज्यपाल ने 15 दिन का समय दिया था। येदुरप्पा ने 17 मई को ही शपथ ली है। माना जा रहा है कि अभी भाजपा के पास विधानसभा में बहुमत का जुगाड़ नहीं हुआ है। कांग्रेस और जेडीएस के पास अपने अपने विधायक सुरक्षित हैं। ऐसे में जो कुछ भी होगा वह 19 मई को विधानसभा में ही संभव है। हो सकता है कि तब विधायकों की छीना झपटी भी हो जाए। आमतौर पर विधानसभा की कार्यवाही की रिकॉर्ड होती है, अच्छा हो कि 19 मई को कर्नाटक विधानसभा की कार्यवाही का लाइव प्रसाण हो, ताकि देश भी अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों के चरित्र को देख सके। यह भी देखा जाए कि येदुरप्पा किस प्रकार से बहुमत साबित करते हैं और किस प्रकार से कांग्रेस और जेडीएस के विधायक अपने अपने दलों में कायम रहते हैं। विधानसभा में येदुरप्पा तभी बहुमत दिखा सकते हैं, जब कांग्रेस और जेडीएस के कम से कम आठ विधायक अनुपस्थित रहे। देखना होगा कि भाजपा विधायकों को किस प्रकार से गायब करती हैं। यदि कांग्रेस और जेडीएस के विधायक एक जुट रहते हैं तो येदुरप्पा को 19 मई को ही मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ेगा और तब राज्यपाल वजू भाई पर आरोप लग सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में तर्कः
कर्नाटक में राज्यपाल के फैसले पर कांग्रेस जेडीएस और भाजपा की ओर से अपने अपने तर्क दिए गए, भाजपा के वकील मुकुल रोहतगी ने साफ कहा कि सुप्रंीम कोर्ट को विधायकों की संख्या जांचने का कोई अधिकार नहीं है। इसलिए हम हमारे विधायकों की सूची भी प्रस्तुत नहीं कर रहे हैं। चूंकि भाजपा सबसे बड़ा दल है इसलिए राज्यपल ने आमंत्रित कर येदुरप्पा को मुख्यमंत्री की शपथ दिलवाई जबकि कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी और जेडीएस के कपिल सिब्बल का कहना रहा कि राज्यपाल को 117 विधायकों की सूची दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद भी सरकार बनाने के लिए आमंत्रित नहीं किया गया। सुनवाई के दौरान पीठ ने भाजपा के समक्ष यह सुझाव रखा कि या तो कल ही बहुमत साबित किया जाए, या फिर राज्यपाल के फैसले की समीक्षा करवाई जाए। हालांकि पूर्व में भाजपा के वकील ने 19 मई को बहुत साबित करने से इंकार कर दिया, लेकिन राज्यपाल के फैसले की समीक्षा की बात आई तो भाजपा को 19 मई को ही बहुत साबित करने की बात मानने पड़ी। सुप्रीम केार्ट में शांतिभूषण, रामजेठ मलानी जैसे वकील कांग्रेस के साथ खड़े नजर आए।
राहुल ने बजाया ढोलः
छत्तसीगढ़ दौरे के दौरान राहुल गांधी ने सरगुजा में आदिवासियों के साथ न केवल नृत्य किया बल्कि परंपरा के अनुरूप ढोल को गले में डाल कर बजाया भी। राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि हमने जो आरोप लगाए थे। उसे कोर्ट ने भी स्वीकार किया है।

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