क्या क्रिकेटर हर भजन के इशारे को समझेंगे भारत के राजनेता।
क्या क्रिकेटर हर भजन के इशारे को समझेंगे भारत के राजनेता।
मात्र 40 लाख की आबादी वाला देश क्रोएशिया फुटबॉल के विश्व कप के फाइनल में मैच हार कर भी 189 करोड़ रुपए जीता है। जो लोग खेलों में रुचि रखते हैं उन्हें पता है कि फुटबॉल में विश्व कप के फाइनल में पहुंचना कितना मुश्किल होता है। पहले तो विश्व कप खेलने के लिए कई देशों से भिड़ना पड़ता है। भारत की आबादी 125 करोड़ की है, लेकिन हमारे देश में तो विश्वकप खेलने के लिए क्वालीफाइ भी नहीं होता। विश्व में फुटबॉल सर्वाधिक लोकप्रिय खेल है, इसलिए ढाई सौ से भी ज्यादा देशों में फुटबॉल खेला जाता है। इनमें से 25-30 देश ही विश्व कप खेलने के लायक होते हैं। 40 लाख की आबादी वाला क्रोएशिया न केवल विश्व कप के लायक हुआ, बल्कि फाइनल में फ्रांस जैसे मजबूत देश से लोहा लिया। क्रोएशिया के खिलाड़ियों की देशभक्ति और मजबूती का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि फाइनल खेलने की वजह से आज दुनियाभर में छोटे से देश क्रोएशिया की चर्चा है। यही वजह है कि भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य रहे हरफन मौला खिलाड़ी हरभजन सिंह ने सटीक टिप्पणी की है। हरभजन ने कहा है कि 40 लाख की आबादी वाला देश क्रोएशिया विश्वकप का फाइनल खेला और हम हिन्दू मुस्लिम का खेल खेल रहे हैं। सवाल उठता है कि क्या भारत के राजनेता हरभजन की इस टिप्पणी को समझने की कोशिश करेंगे? इसमें कोई दो राय नहीं कि हमारे देश के सभी टीवी चैनलों और अखबारों में हिन्दू मुस्लिम पर ही चर्चा होती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब सबका साथ, सबका विकास की बात करते है, तब भी हिन्दू मुस्लिम घुसेड़ दिया जाता है। इससे ज्यदा और क्या हो सकता है कि कश्मीर में आजादी के नारे खुलेआम लगाए जाते हैं। जो सेना भारत को अखंड बनाए रखने का काम कर रही है उसी पर पत्थर मारे जाते हैं और आए दिन हमारे सुरक्षा बलों के जवानों को शहीद किया जाता है। अब तो देश की सुरक्षा को भी हिन्दू मुसलमान के चश्मे से देखा जाने लगा है। हम सवा सौ करोड़ की जनसंख्या वाले होने के बाद भी विश्व स्तरीय प्रतियोगिताओं में कहीं नहीं टिकते और 40 लाख की जनसंख्या वाला देश कड़ी प्रतिस्पर्धा से गुजर कर फुटबॉल जैसी प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंचता है। ऐसा नहीं कि हमारे देश में प्रतिभाओं की कमी है, लेकिन अधिकांश राजनेताओं का ध्यान तो हिन्दू मुसलमान खेलने में लगा रहता है।