जिन रमिला खडिय़ा के कारण तीन निर्दलीय विधायक सुरेश टांक, खुशवीर सिंह और ओम प्रकाश हुड़ला को राजस्थान से भागना पड़ा, उन्हीं रमिला को अब सीएम अशोक गहलोत ने ईमानदारी का सर्टिफिकेट दिया। सीएम गहलोत बताएं की कार की डिक्की में रखे पैसे रमीला ने कैसे वापस किए? पैसे रखने वाले कौन थे? क्या सचिन पायलट समर्थक विधायकों ने 10-20 करोड़ रुपए वापस कर दिए?

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 12 जून को आदिवासी क्षेत्र बांसवाड़ा के मगरदा के दौरे पर थे। यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए गहलोत ने कुशलगढ़ की निर्दलीय विधायक श्रीमती रमिला खडिय़ा को ईमानदारी का सर्टिफिकेट दिया। गहलोत ने कहा कि जुलाई 2020 में जब कांग्रेस के विधायकों की मदद से मेरी सरकार गिराने का प्रयास हुआ, तब  रमिला को भी खरीदने के लिए इनकी कार की डिक्की में पैसे डाल दिए, लेकिन  रमिला   ने पैसों के हाथ तक नहीं लगाया।  रमिला  की वजह से में आज मुख्यमंत्री हूं। सीएम गहलोत को जब यह बात पता है कि  रमिला   की कार की डिक्की में पैसे रख दिए थे, तब यह बात भी पता होनी चाहिए कि आखिर करोड़ों रुपए की राशि किसने रखी? और राशि वापस कैसे लौटाई गई? जिन लोगों ने डिक्की में रकम रखी उन पर तभी कार्यवाही क्यों नहीं की गई? सीएम गहलोत अब सत्ता के नशे में कुछ भी कहे, लेकिन हकीकत यह है कि विधायक  रमिला   खडिय़ा के कारण ही निर्दलीय विधायक सुरेश टांक (किशनगढ़), खुशवीर सिंह (मारवाड़ जंक्शन) तथा ओमप्रकाश हुडला को जुलाई 2020 में राजस्थान से भागना पड़ा था। उस समय सचिन पायलट के नेतृत्व में कांग्रेस के 18 विधायक दिल्ली जा रहे थे, तभी इन तीनों निर्दलीय विधायकों ने बांसवाड़ा में अपनी साथी निर्दलीय विधायक से मुलाकात की। चार निर्दलीय विधायकों के मीटिंग करने पर सीएम गहलोत गंभीर हो गए, क्योंकि तब एक-एक विधायक का महत्व था। कौन सा विधायक क्या कर रहा है, इस पर सीएम गहलोत की पैनी नजर थी। सब जानते हैं कि इन तीनों निर्दलीय विधायकों पर सबसे पहले देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ था। अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए यह तीनों विधायक भी दिल्ली भाग गए। हालांकि बाद में दिल्ली जाने वाले सभी विधायकों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ। अब यह सीएम गहलोत ही बता सकते हैं कि  रमिला  खडिय़ा ने ऐसी कौन सी जानकारी दी जिसके कारण सुरेश तक खुशवीर सिंह और ओमप्रकाश हुडला के विरुद्ध सबसे पहले देशद्रोह का मुकदमा दर्ज  कराना पड़ा। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि  रमिला   की कार में करोड़ों रुपए रखने की बात सीएम गहलोत को पता है। सीएम गहलोत अब भले ही  रमिला   को ईमानदारी का सर्टिफिकेट दें, लेकिन गहलोत को भी पता है कि जयपुर की होटल में बंधक रहते हुए रमिला  को कार की डिक्की में रखे हुए सामान की कितनी चिंता थी?  रमिला   को बांसवाड़ा से हेलीकॉप्टर से जयपुर लाया गया था।  रमिला   के उदयपुर के एक परिचित वकील ने जयपुर की होटल से बाहर निकल वाने के लिए कानूनी प्रक्रिया भी शुरू की थी, क्योंकि  रमिला   से ही तीनों निर्दलीय विधायकों का मामला जुड़ा है, इसलिए अब  रमिला   को ईमानदारी का सर्टिफिकेट मिल गया है।  सुरेश टांक, खुशवीर सिंह और ओमप्रकाश हुडला को भी मिलना चाहिए। दिल्ली से लौटने के बाद इन तीनों विधायकों ने भी गहलोत सरकार को ही समर्थन दिया था। सीएम गहलोत के पास तो इन विधायकों की फोन रिकॉर्डिंग भी होनी चाहिए, क्योंकि इन विधायकों को भी आश्चर्य है कि आपस की बातचीत सीएम अशोक गहलोत तक कैसे पहुंची। 
क्या पायलट समर्थकों ने पैसे वापस कर दिए:
मुख्यमंत्री गहलोत को यह भी बताना चाहिए कि क्या सचिन पायलट के समर्थकों ने दस-बीस करोड़ रुपए भाजपा के नेताओं को वापस कर दिए हैं? मालूम हो कि गत 7 मई को धौलपुर में सीएम गहलोत ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, धर्मेन्द्र प्रधान और गजेंद्र सिंह शेखावत पर आरोप लगाया था कि उनकी सरकार गिराने के लिए कांग्रेस के विधायकों को 10-20 करोड़ रुपए दिए हैं। तब गहलोत का कहना रहा कि जिन विधायकों ने पैसे लिए उन्हें भाजपा को पैसे वापस कर देने चाहिए। यदि पैसे रखे तो ऐसे विधायकों पर भाजपा का दबाव बना रहेगा। जब सीएम गहलोत निर्दलीय विधायक रमीला खडिय़ा को ईमानदारी का सर्टिफिकेट दे रहे हैं, तब यह भी बताना चाहिए कि उनकी पार्टी के विधायकों ने जो पैसे लिए उन्हें वापस किया या नहीं? हालांकि गहलोत के इन आरोपों का सचिन पायलट ने खंडन कर दिया है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (13-06-2023)
Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...