बिना गड़बड़ी के कांस्टेबल परीक्षा सम्पन्न करवाने के लिए डीजीपी गल्हौत्रा को शाबाशी मिलनी चाहिए
बिना गड़बड़ी के कांस्टेबल परीक्षा सम्पन्न करवाने के लिए डीजीपी गल्हौत्रा को शाबाशी मिलनी चाहिए। सख्ती और नेटबंदी पर रिटायर आईएएस आरएन अरविंद ने दिए तर्क।
राजस्थान में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में सख्ती और इंटरनेट सेवाओं के बंद करने पर आलोचना झेल रही पुलिस के बचाव में रिटायर आईएएस आरएन अरविंद ने अपने तर्क दिए हैं। अरविंद ने इसके लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक ओपी गल्हौत्रा को शाबाशी भी दी है। अरविंद ने बताया कि जब वे धौलपुर में एसडीएम थे तब गल्हौत्रा पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात थे। गल्हौत्रा शुरू से ही सख्त मिजाज के अधिकारी रहे हैं। इसी प्रवृत्ति के चलते 15 लाख अभ्यर्थियों वाली कांस्टेबल परीक्षा निष्पक्ष और पारदर्शी हो सकी है। यह सही है कि परीक्षा को ईमानदारी से सम्पन्न करवाने के लिए परीक्षा केन्द्रों पर सख्ती की गई और दो दिनों तक इंटरनेट सेवाओं को बंद रखा गया। इससे प्रदेशवासियों को थोड़ी परेशानी भी हुई, लेकिन वे लाखों अभ्यर्थी खुश थे जिन्होंने मेहनत कर परीक्षा दी। अरविंद ने कहा कि अब वही अभ्यर्थी कांस्टेबल बनेगा जो योग्य होगा। कल्पना कीजिए कि जरा सी भी ढिलाई होने पर यदि बेईमान लोग सफल हो जाते तो पुलिस में कैसी भर्ती होती। गल्हौत्रा के सामने योग्य और ईमानदार कांस्टेबल की भर्ती की चुनौती थी, जिसमें गल्हौत्रा खरे उतरे हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि गल्हौत्रा को पूरे पुलिस अमले का सहयोग मिला। प्रत्येक पुलिस कर्मी ने निष्पक्ष परीक्षा करवाने में अपना योगदान दिया। अब तक यही माना जाता था कि पुलिस अफसरों के बंगलों पर काम करने वाले ही कांस्टेबल बनते हैं, लेकिन गल्हौत्रा ने यह दिखा दिया कि योग्य युवा ही कांस्टेबल बनेगा। परीक्षा में सफल नहीं होने वाले अभ्यर्थी भी मानेंगे कि परीक्षा निष्पक्ष हुई है। 15 लाख अभ्यर्थियों की कांस्टेबल परीक्षा करवाने से पहले परीक्षार्थियों का अध्यन भी किया गया। द्वितीय शनिवार और रविवार होने की वजह से बैंको, सरकारी दफ्तरों आदि में अवकाश था, इसलिए इन्हीं दो दिनों में यानि 14 व 15 जुलाई को प्रदेश भर में परीक्षा करवाई। इससे न तो बैंकों का कार्य प्रभावित हुआ, तब सरकार ने दो दिनों तक चार पारियों में परीक्षा भी इसलिए करवाई ताकि अभ्यर्थियों की भीड़ एक साथ न हो। पूरे प्रदेश ने देखा कि 15 लाख अभ्यर्थियों का परिवहन आसानी से हो गया। न बसों और न ट्रेनों की छतों पर युवाओं को बैठे देखा गया। जहां तक परीक्षा केन्द्रों के बाहर महिला अभ्यर्थियों के कुर्ते की बांहों को काटना हो या फिर कान के बुंदे हाथ के कढ़े उतारने की घटनाएं हो, इसमें अभ्यर्थियो की ही नासमझी रही है, क्योंकि ऐसे दिशा निर्देश पहले ही जारी कर दिए थे। अभ्यर्थियों को दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए। अरविंद ने कहा कि मेरा मानना है कि गल्हौत्रा ने परीक्षा के संबंध में किसी की भी नहीं सुनी होगी। गल्हौत्रा परीक्षा को निष्पक्षता के साथ करवाने में सफल रहे हैं। ऐसे में पुलिस की आलोचना करने के बजाए शाबाशी मिलनी चाहिए पुलिस फेल नहीं ,पास हुई है। इस मुद्दे पर आरएन अरविंद से मोबाइल नम्बर 9829361171 पर संवाद किया जा सकता है।