युद्ध के मैदान में अर्जुन का डिप्रेशन श्रीकृष्ण ने ही दूर किया था। आज हमारे पास गीता कृष्ण के रूप में ही है। कथा वाचक पूज्य संतोष सागर ने सात माह में दो लाख गीता पुस्तकों का नि:शुल्क वितरण किया। गीता में किसी अन्य धर्म की बुराई नहीं। अजमेर में पुष्कर रोड पर 10 दिसंबर तक भागवत कथा होगी। समाजसेवा की मिसाल है पुष्कर का जोगणियां धाम।

पूज्य भाई संतोष सागर महाराज देश के ऐसे कथा वाचक हैं जो सिर्फ भागवत कथा का वाचन नहीं करते, बल्कि युवा पीढ़ी को गीता पुस्तक पढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। यही वजह है कि अप्रैल 2022 से नवंबर तक करीब दो लाख गीता पुस्तकों का स्कूल व कॉलेजों में नि:शुल्क वितरण किया जा चुका है। संतोष सागर महाराज की भागवत कथा 4 दिसंबर से अजमेर के पुष्कर रोड स्थित लक्ष्मी पैलेस के निकट कर्णिका सदन में शुरू हो गई है। यह  कथा 10 दिसंबर तक रोजाना दोपहर डेढ़ बजे से सायं पांच बजे तक होगी। कथा स्थल पर ही प्रतिदिन प्रातः 7 से 9 बजे तक वैदिक यज्ञ अनुष्ठान होगा। 4 दिसंबर को कथा शुरू होने से पहले कलश यात्रा भी निकाली गई। इसमें करीब 700 महिलाओं ने भाग लिया। इस भव्य धार्मिक आयोजन की शुरुआत पर मुझे पूज्य भाई संतोष सागर महाराज से आशीर्वाद लेने और गीता पुस्तक वितरण करने के उद्देश्य को समझने का अवसर मिा। मैं यह जानना चाहता था कि जब संतोष सागर भागवत कथा का वाचन कर रही रहे हैं तो गीता पुस्तक का वितरण क्यों कर रहे हैं? सवाल की गंभीरता को देखते हुए संतोष सागर ने विस्तार से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मैं गीता को घर के मंदिर रखने वाला धार्मिक ग्रंथ नहीं समझता हंू, बल्कि गीता एक ऐसी मनोचिकित्सक है जो मनुष्य के हर सवाल का उत्तर देती है तथा हर रोग का निदान करने में समक्ष है। युद्ध के मैदान में जब अपने सगे संबंधियों को देखकर अर्जुन डिप्रेशन में आ गया था, तब भगवान श्रीकृष्ण  ने अपने संदेश से अर्जुन का डिप्रेशन दूर किया। कृष्ण का संदेश भी गीता में है। जब अर्जुन जैसे योद्धा का डिप्रेशन दूर किया जा सकता है तो फिर आम मनुष्य का क्यों नहीं? संतोष सागर महाराज ने कहा कि मैं दावे से कह सकता हूं कि गीता को पढ़ने और समझने के बाद मनुष्य की हर समस्या का समाधान हो सकता है। भागवत कथा का वाचन तो मेरे जैसे हजारों कथा वाचक कर रहे हैं, लेकिन गीता को समझने की जरूरत है। हमारी कथाओं में बुजुर्ग लोग ही आते हैं। बेटे बेटियां अपने वाहनों में बुजुर्गों को कथा स्थल तक छोड़ जाते हैं। समाज में यह धारणा बिल्कुल गलत है। आज युवाओं के लिए गीता को समझना बहुत जरूरी है। यही वजह है कि जिस शहर में वे कथा का वाचन करते हैं। उस शहर के स्कूल कॉलेजों में जाकर गीता पुस्तक का वितरण भी करते हैं। गीता पुस्तक के वितरण का कार्य इसी वर्ष अप्रैल माह से शुरू किया था। दिसंबर 2022 तक एक लाख पुस्तकों के वितरण का लक्ष्य था, लेकिन ठाकुर जी की कृपा से नवंबर 2022 तक ही दो लाख गीता पुस्तकों का वितरण किया जा चुका है। गीता 5 हजार साल पुराना ग्रंथ है। चूंकि उस समय सनातन धर्म के अलावा कोई धर्म था ही नहीं, इसलिए गीता में किसी भी अन्य धर्म की बुराई नहीं है। चूंकि गीता जीवन दर्शन है, इसलिए विदेशों की प्रमुख यूनिवर्सिटी में गीता को पढ़ाया जा रहा है। भारत में भी सरकारों को चाहिए कि स्कूल कॉलेज के पाठ्यक्रमों में गीता को शामिल किया जाए। हम कई बार देखते हैं कि निर्दोष की हत्या करने के बाद भी हत्यारे को कोई अफसोस नहीं होता, क्योंकि उसका मनुष्यत्व मर चुका होता है। गीता एक ऐसा ग्रंथ है जो मनुष्यत्व भी जागृत करता है। कोचिंग सेंटरों में पढ़ने वाले बच्चे आए दिन सुसाइड कर रहे हैं। यदि कोचिंग सेंटरों के मालिक रोजाना गीता के एक दो अध्याय विद्यार्थियों को पढ़ाएं तो केवल पढ़ाई का तनाव और दबाव खत्म होगा बल्कि विद्यार्थी आनंदमय हो जाएगा। संतोष सागर महाराज ने बताया कि उन्होंने स्वामी विवेकानंद को अच्छी तरह समझा है। मात्र 39 वर्ष के जीवन काल में स्वामी विवेकानंद ने जो कार्य किए दुनिया में उन्हें आज भी याद कर रही है। देश के प्रत्येक युवा को स्वामी विवेकानंद के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। पूज्य भाई संतोष सागर महाराज के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9413822018 तथा 9929122018 पर ली जा सकती है। जबकि अजमेर में पुष्कर रोड पर चल रहे धार्मिक अनुष्ठान के बारे में मोबाइल नंबर 9414002175 पर आनंद अरोड़ा, 9829071696 पर सुभाष काबरा, 9352008347 पर मोहनलाल खंडेलवाल तथा 9214786949 पर श्याम बिहारी शर्मा से ली जा सकती है। पूज्य भाई संतोष सागर महाराज की भागवत कथा 15 दिसंबर से राजस्थान के भीलवाड़ा में शुरू होगी। 
सेवा का केंद्र जोगणिया धाम:
ऐसा बहुत कम होता है, जब कोई धार्मिक स्थल समाज सेवा का प्रमुख केंद्र बन जाए। लेकिन पुष्कर स्थित जोगणियां धाम पिछले पांच वर्षों से समाज सेवा का प्रमुख केंद्र बन गया है। धाम के उपासक भंवरलाल जी ज्योतिष के ज्ञाता है। अंकों की गणना कर भंवरलाल जी जो परिणाम निकालते हैं वे सटीक साबित होते हैं। भंवरजी चाहें तो इस विद्या से बहुत पैसा कमा सकते हैं, लेकिन इसके विपरीत भंवर जी समाज सेवा को महत्व दे रहे हैं। 3 दिसंबर को भी अपने जन्मदिन पर भंवर जी ने जरूरतमंद लोगों को गर्म परिधान वितरित किए। जोगणिया धाम में ऐसा रोजाना होता है। पुष्कर में अजमेर रोड पर स्थापित चुंगी के के सामने बनी आवासीय कॉलोनी में स्थित जोगणिया धाम से कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति निराश होकर नहीं लौटता। पुष्कर के लोग भी मानते हैं कि सही मायने में जोगणिया धाम से समाजसेवा हो रही है। मोबाइल नंबर 9462429453 पर उपासक भंवरलाल जी से संवाद किया जा सकता है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (04-12-2022)
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