थरूर साहब हिन्दुस्तान में यह है तालीबानी हरकत।
थरूर साहब हिन्दुस्तान में यह है तालीबानी हरकत।
टीवी के लाइव शो में मौलाना कसमी ने मुस्लिम औरत का पीटा।
हिन्दुस्तान को हिन्दू पाकिस्तान बताने वाले शशि थरूर ने 18 जुलाई को हिन्दू तालीबान की बात कही है। संसद परिसर में खड़े होकर शशि थरूर ने कहा कि मैं जनता का प्रतिनिधि हंू और भारत के लोकतंत्र और धर्म निरपेक्ष माहौल में इस तरह अपनी बात कह सकता हंू। मुझे इससे कोई नहीं रोक सकता। यह माना कि शशि थरूर लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता की आड़ में हिन्दू समुदाय को जी भर कर गालियां दे सकते हैं। ऐसे शशि थरूर की सुरक्षा के लिए सरकार कमांडो भी लगा देगी। क्योंकि यदि शशि थरूर के एक दो थप्पड़ पड़ जाएंगे तो भारत का लोकतंत्र खतरे में आ जाएगा। शशि थरूर जिस तरह एक तरफा बयानबाजी कर रहे हैं उससे प्रतीत होता है कि वे अपनी तीसरी पत्नी सुनंदा पुष्कर की हत्या के मामले में सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं। शशि थरूर को यदि हिन्दुस्तान में तालीबानी हरकत देखनी है तो उन्हें 17 जुलाई को न्यूज चैनल जी हिन्दुस्तान के लाइव प्रोग्राम में देखना चाहिए। इस प्रोग्राम में जब तीन तलाक और हलाला जैसी प्रथा पर जागरूक मुस्लिम महिला फराह फेन अपना पक्ष रही थीं, तब प्रोग्राम में मौजूद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना कासमी गुस्से में आ गए और उन्होंने मुस्लिम औरत फराह के मुंह पर दो तीन थप्पड़ मार दिए। यदि लाइव प्रोग्राम में मौलाना कासमी को रोका नहीं जाता तो बड़ा हादसा हो सकता था। हिन्दू समुदाय में तो इतनी हिम्मत नहीं कि वे तालीबान जैसी हरकतें कर सके। लेकिन मौलाना कासमी ने जिस तरह एक मुस्लिम औरत को लाइव शो में पीटा उसे तालीबानी हरकत कहा जा सकता है। शशि थरूर भले ही इस कृत्य की निंदा नहीं करें लेकिन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सारे घटनाक्रम की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है। अनेक मुस्लिम विद्वानों ने भी मौलाना कासमी को बोर्ड से बाहर करने की मांग की है। हालांकि पीड़ित महिला की शिकायत पर पुलिस ने मौलाना कासमी को गिरफ्तार कर लिया है। यहां ये उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) में तीस वर्षों तक भारत का प्रतिनिधित्व किया है। सवाल यह भी है कि आखिर शशि थरूर ने किस मानसिकता के साथ यूनएनओ में भारत का प्रतिनिधित्व किया है।