जिस अलवर प्रकरण में विपक्ष पीएम मोदी को टारगेट कर रहा है, उसमें सीएम वसुंधरा राजे की चुप्पी आश्चर्यजनक। गलती स्वीकारने पर भी सिर्फ एक एएसआई संस्पेंड।

जिस अलवर प्रकरण में विपक्ष पीएम मोदी को टारगेट कर रहा है, उसमें सीएम वसुंधरा राजे की चुप्पी आश्चर्यजनक। गलती स्वीकारने पर भी सिर्फ एक एएसआई संस्पेंड। गाय से पहले अकबर की चिंता करनी थी-कटारिया।


21 जुलाई की रात को राजस्थान के अलवर जिले के रामगढ़ पुलिस स्टेशन पर जिस तरह अकबर नामक युवक की मौत हुई, उसको लेकर अब ममता बनर्जी से लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर सीधा हमला बोल रहे हैं। चूंकि राजस्थान में वसुंधरा राजे के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है, इसलिए मोदी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। अलवर कांड की गूंज संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में हो रही है। देश भर में इतना बबेला होने के बाद भी राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे चुप हैं। ऐसा नहीं कि राजे विदेश में हैं या बीमार। राजे अपने सांसद पुत्र दुष्यंतसिंह के निर्वाचन क्षेत्र झालावाड़ में 22 जुलाई से दौरे पर हैं। लगातार लोगों से जनसम्पर्क कर रही हैं। राजे की कोशिश है कि नवम्बर में होने वाले विधानसभा चुनाव में झालावाड़ से भाजपा उम्मीदवारों की जीत पक्की रहे, ताकि अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में दुष्यंत सिंह की उम्मीदवारी में काई परेशानी न हो। यदि विधानसभा चुनाव में झालावाड़ में भाजपा की जीत नहीं होती है तो दुष्यंत सिंह की उम्मीदवारी भी खतरे में पड़ सकती है। हर राजनीतिक माता-पिता को अपने पुत्र-पुत्रियों के भविष्य की चिंता होती है। इसलिए सीएम राजे को भी करनी चाहिए, लेकिन अब प्रधानमंत्री पर सीधा हमला हो रहा है तो संबंधित प्रदेश के सीएम का कुछ तो दायित्व बनता ही है। विपक्ष के कुछ आरोप तो तथ्यों से परे भी हैं, क्या ऐसे आरोपों का जवाब स्वयं मुख्यमंत्री को नहीं देना चाहिए? वैसे भी राजस्थान की सरकार में पीएम मोदी का कोई दखल नहीं है। सरकार पर पूरी तरह सीएम राजे का ही नियंत्रण हैं। 21 जुलाई को जयपुर दौरे में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह साफ कह गए कि विधानसभा का चुनाव राजे के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा और बहुमत मिलने पर राजे ही फिर से सीएम बनेगी। ऐसे में राजे की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। जब राष्ट्रीय नेतृत्व फिर सीएम बना रहा है, तब क्या राजे को प्रधानमंत्री का बचाव नहीं करना चाहिए? यह बेकार का तर्क होगा कि समय आने पर राजे जवाब देंगी। जब अलवर कांड पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी मोदी और भाजपा के खिलाफ बोल सकती हैं तो वसुंधरा राजे क्यों नहीं?
प्रभावी कार्यवाही नहींः
जिस अलवर कांड को लेकर पूरे देश का राजनीतिक माहौल गर्म है और भाजपा को हमले झेलने पड़ रहे हैं, उसमें अब तक मात्र एक एएसआई को सस्पेंड किया है, जबकि स्पेशल डीजी एनआरके रेड्डी ने पुलिस की गलती को स्वीकार लिया है। रेड्डी ने माना कि रामगढ़ थाने की पुलिस घायल अकबर को समय पर अस्पताल नहीं ले गई। यदि अकबर को तत्काल अस्पताल ले जाया जाता तो उसे बचाया जा सकता था। देखा जाए तो अकबर की मौत पुलिस हिरासत में हुई है। घायल व्यक्ति को चार घंटे तक अपनी हिरासत रखने से प्रतीत होता है कि पुलिस के अधिकारियों में सामान्य विवेक भी नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना इस बात को लेकर हो रही है कि अकबर को गौरक्षकों ने पीटा, जबकि अब यह बात सामने आ रही है कि अबकर की मौत की जिम्मेदारी पुलिस ही है। असल में पुलिस का ढर्रा ही बिगड़ा हुआ है।
गाय से पहले अकबरः
प्रदेश के गृहमंत्री गुलबचंद कटारिया ने भी माना है कि रामगढ़ पुलिस को गायों को गौशाला ले जाने से पहले घायल अकबर को इजाल के लिए अस्पताल ले जाना चाहिए था। इस मामले में पुलिस की चूक हुई है। अब वे स्वयं घटना स्थल का मुआयना करेंग और दोषी व्यक्तियों को सख्त से सख्त सजा दिलवाएंगे।

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