विदेश यात्रा से लौटते ही सचिन पायलट ने वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत पर हमला बोला। सीएम की गौरव यात्रा को लेकर हो सकती है कानूनी कार्यवाही।
======
कोई सप्ताह भर की विदेश यात्रा के बाद दो अगस्त को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने जयपुर में पत्रकार वार्ता की। पायलट ने जहां सीएम वसुंधरा राजे पर सीधा हमला बोला, वहीं अपनी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत पर भी निशाना साधा। सीएम पद के लिए स्वयं का चेहरा जनता के सामने होने वाले बयान पर पायलट ने कहा कि आज कोई कुछ भी कहे, लेकिन सब जानते हैं कि पांच साल पहले जब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बुरी तरह हार गई थी और दो सौ में से मात्र 21 विधायक ही चुने गए, तब कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने उन पर भरोसा जताया। पायलट ने कहा कि आजादी के बाद प्रदेश में कांग्रेस की इतनी बुरी दशा कभी नहीं हुई। कांग्रेस हाशिए पर चली गई थी। जब कार्यकर्ता हताश और निराश था, तब मुझे प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया। हालांकि तब भी बड़े-बड़े नेता मौजूद थे। मैंने तभी यह संकल्प लिया था कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनवाऊंगा। हाल ही के लोकसभा उपचुनाव में सभी 17 विधानसभा सीटों पर हमारी जीत बताती है कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनेगी। कौन नेता क्या कह रहा है मैं इसमें उलझने के बजाए अर्जुन की तरह चिड़िया की आंख पर निशाना लगाए हुए हंू। वैसे भी मुझे कांग्रेस ने बहुत कुछ दिया है। 31 वर्ष की छोटी सी उम्र में केन्द्रीय मंत्री बना दिया। केन्द्रीय नेतृत्व ने मुझे जो भी जिम्मेदारी देगा उसे मैं स्वीकार करुंगा। कांग्रेस पार्टी किसी व्यक्ति या नेता की नहीं है। पार्टी का 130 वर्ष का इतिहास है। मालूम हो कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा था कि यदि अशोक गहलोत को सीएम पद का चेहरा घोषित नहीं किया तो चुनाव में कांगे्रस हार जाएगी। कटारिया के इस बयान को प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने गद्दारी और धोखे वाला बताया, वहीं गहलोत ने बचाव करते हुए कटारिया के बयान को अतिउत्साह वाला बताया। 2 अगस्त को सचिन पायलट जिस आत्म विश्वास में दिखे, उससे प्रतीत होता है कि केन्द्रीय नेतृत्व ने पायलट को एक बार फिर फ्री हैंड दिया है। गहलोत कितना भी अपना चेहरा सामने लाएं, लेकिन होगा, वहीं हो पायलट चाहेंगें।
सीएम पर भी हमलाः
राज्य की भाजपा की विफलताओं को लेकर पायलट ने सीएम वसुंधरा राजे पर भी हमला बोला। पायलट ने कहा कि राजे कितनी भी यात्राएं निकाल लें, लेकिन अब कुछ भी होने वाला नहीं है। 10 अगस्त के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी राजस्थान का दौरा करेंगे। तब माहौल और बदलेगा। कांग्रेस की नजर सीएम की गौरव यात्रा पर लगी हुई है। यदि इस चुनावी यात्रा में सरकारी साधनों का उपयोग हुआ तो कानून की मदद ली जाएगी। अदालती कार्यवाही पर भी विचार होगा। राजस्थान की जनता ने अब भाजपा और वसुंधरा राजे को हटाने का मन बना लिया है। गौरव यात्रा को लेकर जनता में कोई रुचि नहीं है, बल्कि गुस्सा है।