अजमेर और ब्यावर में एसीबी की कार्यवाही में मुकदमा दर्ज करने के आदेश।

अजमेर और ब्यावर में एसीबी की कार्यवाही में मुकदमा दर्ज करने के आदेश। ब्यावर सभापति के खिलाफ दो मुकदमे होंगे।

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भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के जयपुर स्थित मुख्यालय से अजमेर और ब्यावर में हुई एसीबी की छापामार कार्यवाही में मुकदमे दर्ज करने के आदेश हो गए हैं। इसके साथ ही दोनों प्रकरणों में जांच अधिकारी भी बदल जाएंगे। एसीबी के अजमेर यूनिट ने 8 अगस्त को ब्यावर नगर परिषद की भाजपाई सभापति श्रीमती बबीता च ौहान, उनके पति नरेन्द्र च ौहान और जीजा शिव प्रसाद को सवाल दो लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था, जबकि अगले दिन 9 अगस्त को स्पेशल टीम ने अजमेर में नगर निगम के जेईएन राजेश मीणा 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। इस मामले में निर्दलीय पार्षद राजेन्द्र पंवार भी फरार हैं। एसीबी की प्रक्रिया के अनुसार छापामार कार्यवाही के बाद मुख्यालय से ही मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मिलती है। एसीबी के सूत्रो ंके अनुसार ब्यावर की सभापति के मामले में दो मुकदमें दर्ज होंगे सवा दो लाख की रिश्वत के साथ साथ पार्षद गुरुबचन सिंह छाबड़ा से 80 लाख रुपए की दुकान और पांच लाख रुपए लेने के मामले में भी मुकदमे की मंजूरी मिल गई है। इन दोनों ही मामलों की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी करेंगे। इसी प्रकार अजमेर निगम के जेईएन के साथ-साथ पार्षद पंवार के विरुद्ध भी मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मिल गई है। मुख्यालय ने दोनों ही मामलों को बेहद गंभीर माना है।
शशि बाला बन सकती है सभापतिः
बबीती च ौहान के गिरफ्तार होने के बाद अब ब्यावर नगर परिषद की सभापति शशि बाला सोलंकी बन सकती हैं। पूर्व में भी सोलंकी के साथ पार्षदों का बहुमत था, लेकिन क्षेत्रीय भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत के दबदबे की वजह से बबीता च ौहान को मौका मिल गया। हालांकि ओबीसी वर्ग की पूजा कुमावत और कांता ग्वाला भी अपने स्तर पर प्रयास कर रही हैं। परिषद में भाजपा के 22 तथा कांग्रेस के 11 पार्षद हैं जबकि 9 पार्षद निर्दलीय है।
भूल सुधारः
8 अगस्त को बबीता च ौहान की गिरफ्तारी के बाद शिकायकर्ता डॉ. राजीव जैन के अस्पताल के बाहर कुछ लोगों ने जो प्रदर्शन किया, उसको लेकर 8 अगस्त के ब्लॉग में पार्षद नरेश कन्नौजिया का नाम लिखा गया था। जबकि प्रदर्शन में पार्षद कन्नौजिया शामिल नहीं थे। ब्लॉग में नाम का उल्लेख होने से यदि कन्नौजिया के सम्मान और प्रतिष्ठा को ठेस लगी है तो मैं खेद प्रकट करता हंू।
पूर्ण सुरक्षा मिलेगीः
वहीं छापामार कार्यवाही करने वाली एसीबी के अधिकारियों का कहना है कि शिकायकर्ता डॉ.राजीव जैन को पूर्ण सुरक्षा मिलेगी। क्योंकि डॉ. जैन भ्रष्टाचार मिटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सरकार भी चाहती है कि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्यवाही हो।
जेल में जाते ही रोपड़ी बबीताः
8 अगस्त को जब सभापति बबीता च ौहान को गिरफ्तार ब्यावर से अजमेर लाया गया, तब तक एसीबी की कार्यवाही की गंभीरता का अंदाजा नहीं था, इसलिए न्यायालय परिसर में बबीता अपने परिचितों और भाजपा के कार्यकर्ताओं से हंसकर बात कर रही थी, लेकिन थोड़ी ही देर में एसीबी के अधिकारियों ने तो बात करने वालों को तो डांट कर भगा दिया और हिदायत दी कि अब जो भी बात करेगा तो उसका नाम पता नोट किया जाएगा। इस फटकार के बाद ही बबीता को अहसास हुआ कि अब वे वीआईपी नहीं है। जेल पहुंचते ही तो बबीता के आंसू टपक पड़े। बबीता के बिगड़े स्वास्थ्य को देखते हुए तो जेल से ही अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल के चिकित्सकों ने ही जांच पड़ताल कर बबीता की हौंसला अफजाई की। चिकित्सा कर्मियों ने कह कि जेल में कोई परेशानी नहीं होगी। हालांकि बबीता के पति नरेन्द्र और जीजा शिवप्रसाद भी अजमेर की सेंट्रल जेल में ही है, लेकिन इन्हें जेल परिसर में अलग-अलग रखा गया है।

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