अम्बेडकर नहीं थे अनुच्छेद 370 के पक्ष में। 

अम्बेडकर नहीं थे अनुच्छेद 370 के पक्ष में।
तो फिर मायावती ने राजस्थान और मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकारों को समर्थन क्यों दे रखा है?
राहुल गांधी के श्रीनगर जाने पर भी ऐतराज। 

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26 अगस्त को बसपा सुप्रीमो सुश्री मायावती ने ट्विट कर कहा है कि जम्मू कश्मीर अनुच्छेद 370 को लगाने के पक्ष में बीआर अम्बेडकर भी नहीं थे। मायावती ने राहुल गांधी और कुछ विपक्षी नेताओं के जबरन श्रीनगर जाने पर भी ऐतराज जताया। मायावती का कहना रहा कि राहुल गांधी और विपक्षी नेताओं को श्रीनगर जाने से पहले विचार करना चाहिए था। यानि मायावती अनुच्छेद 370 को बेअसर करने में कांग्रेस के विरोध में शामिल नहीं है। मायावती पहले भी कह चुकी हैं कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया जाना उचित है। राज्यसभा में भी बसपा सांसदों ने सरकार के प्रस्ताव का समर्थन किया था। सवाल उठता है तो फिर मायावती राजस्थान और मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकारों को समर्थन क्यों दे रही हैं? कांग्रेस तो जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बनाए रखने के पक्ष में दलीलें दे रही हैं। कांग्रेस के नेता सरकार के प्रयासों का लगातार विरोध कर रहे हैं। राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता और जम्मू कश्मीर में मुख्यमंत्री रहे गुलाम नबी आजाद तो इसे कश्मीरी लोगों की संस्कृति से जोड़े रहे हैं। जब मायावती इस मुद्दे पर कांग्रेस के खिलाफ हैं तो उन्हें फिर राजस्थान और मध्यप्रदेश में सरकारों को समर्थन देने पर भी विचार करना चाहिए। चूंकि मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार का बहुमत किनारे पर हैं, इसलिए बसपा विधायकों का समर्थन मायने रखता है। इसी प्रकार राजस्थान में सरकार को पूर्ण बहुमत होने के बाद भी बसपा के छह विधायक खुला समर्थन दे रहे हैं। हालांकि राजस्थान में कांग्रेस सरकार को समर्थन देने के मुद्दे पर बसपा विधायकों में आपसी मतभेद भी उभरे थे। बसपा विधायक राजेन्द्र गुढा ने तो यहां तक कहा था कि बसपा में पैसे लेकर टिकिट दिए जाते हैं। जो व्यक्ति ज्यादा पैसा देता है उसे उम्मीदवार बना दिया जाता है। गुढा ने बसपा के प्रदेश प्रभारी पर भी पैसे के लेनदेन के गंभीर आरोप लगाए थे।
एस.पी.मित्तल) (26-08-19)
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