गुजरात में कांग्रेस के आगे निकलने की होड़ में अरविंद केजरीवाल शब्दों की मर्यादा भी भूल रहे हैं। जिन गोपाल इटालिया ने देश के प्रधानमंत्री को नीच बताया उन्हीं इटालिया का केजरीवाल ने समर्थन किया।

पंजाब की तरह गुजरात में भी आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी या नहीं यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा। लेकिन गुजरात में कांग्रेस से आगे निकलने की होड़ में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल शब्दों की मर्यादा भी भूल रहे हैं। गुजरात में आप के संयोजक गोपाल इटालिया ने हाल ही में कहा है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीच हैं। इतालिया ने मोदी की सौ वर्षीय माता जी पर भी प्रतिकूल टिप्पणी की है। पाठकों को याद होगा कि ऐसी ही टिप्पणी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणि शंकर अय्यर ने की थी। तब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री के लिए ऐसे शब्दों का उपयोग नहीं होना चाहिए। उस समय राहुल गांधी ने अय्यर को पार्टी से निलंबित भी किया। लेकिन अब केजरीवाल ने इतालिया के विरुद्ध कोई कार्यवाही करने के बजाए उनके बयान का समर्थन किया है। इससे जाहिर है कि केजरीवाल चुनाव के दौरान ऐसे ही शब्दों से ख्याति प्राप्त करेंगे। यह सही है कि ऐसे बयान के बाद   इटालिया  रातों रात मीडिया में चर्चित हो गए हैं। उन्हें लगता है कि ऐसे बयानों से उनकी लोकप्रियता बढ़ेगी। केजरीवाल का कहना है कि दिसंबर में होने वाले गुजरात चुनाव में उनका मुकाबला भाजपा से है। केजरीवाल कांग्रेस को तो अपना प्रतिद्वंदी मानते ही नहीं है। पंजाब में केजरीवाल ने जिस तरह कांग्रेस से सत्ता छीनी उसी तरह अब गुजरात में भाजपा से सत्ता छीनने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए यह जरूरी है कि केजरीवाल आम आदमी पार्टी को भाजपा के प्रतिद्वंदी बनाए। हालांकि मौजूदा समय में गुजरात में आप का एक भी विधायक व सांसद नहीं है, लेकिन केजरीवाल को लगता है पंजाब की तरह गुजरात में भी उनकी पार्टी की सरकार बनेगी। लेकिन जिस स्तर पर केजरीवाल का प्रचार हो रहा है उससे आम गुजराती खुश नहीं है। केजरीवाल माने या नहीं, लेकिन गुजरात में नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बरकरार है। प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी 12 वर्षों तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे हैं। मोदी के प्रतिद्वंदी भी मानते हैं कि मोदी के कार्यकाल में गुजरात की एक नई पहचान बनी है। जो गुजरात कर्फ्यू के लिए जाना जाता था उसी गुजरात में लगातार शांति रही। चौबीस घंटे बिजली मिलने से औद्योगिक विकास तेजी से हुआ। प्रधानमंत्री बनने के बाद भी मोदी ने गुजरात पर फोकस किया।  ऐसे में यदि कोई राजनीतिक दल मोदी को नीच इंसान कहेगा तो फिर उसे नुकसान ही होगा। केजरीवाल को लगता है कि जिस प्रकार दिल्ली में मुसलमानों के वोट उनकी पार्टी को मिलते हैं, उसी प्रकार गुजरात में भी मुसलमानों के वोट मिल जाएंगे। मुसलमानों के वोट अब तक कांग्रेस को मिलते रहे। लेकिन अब मुस्लिम वोटों में केजरीवाल सेंध लगा रहे हैं। यही वजह है कि केजरीवाल की सभाओं में अब भीड़ भी जुटने लगी है। एक और केजरीवाल लगातार गुजरात में रह कर पार्टी का प्रचार कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस पार्टी अपने अंतर्विरोधों में उलझी हुई है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को गुजरात का सीनियर आब्र्जवर बना रखा है। लेकिन अंतर्विरोधों के चलते गहलोत का गुजरात दौरा नहीं हो रहा है। गहलोत की सिफारिश से ही राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को गुजरात का प्रभारी बनाया गया था। अब रघु शर्मा किस नीयत से गुजरात में काम कर रहे होंगे इसका पता तो चुनाव परिणाम पर ही चलेगा। अशोक गहलोत और गांधी परिवार के बीच चल रही खींचतान के मद्देनजर गुजरात में रघु शर्मा की भूमिका को भी संदिग्ध तौर पर देखा जा रहा है। रघु शर्मा की वफादारी अशोक गहलोत के प्रति ज्यादा है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (14-10-2022)
Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...