100 करोड़ की जमीन पर 12 साल से मुफ्त में बैठा है होटल मानसिंह का प्रबंधन।

100 करोड़ की जमीन पर 12 साल से मुफ्त में बैठा है होटल मानसिंह का प्रबंधन। एडीए ने सिर्फ दिखावे के लिए की कार्यवाही।


अजमेर विकास प्राधिकरण ने 10 अगस्त की रात को वैशाली नगर स्थित होटल मानसिंह के परिसर की जो 1535 वर्ग गज भूमि पर कब्जा लेने की कार्यवाही की, वह मात्र दिखावा है। इस जमीन पर होटल प्रबंधन ने कभी भी अपना अधिकार नहीं जमाया। यह बात अलग है कि पहले नगर सुधार न्यास और अब अजमेर विकास प्राधिरकण के अधिकारियों की मिली भगत से होटल के सामने वाली इस भूमि का उपयोग होटल प्रबंधन अपने नजरिए से कर रहा था। कायदे से तो एडीए के उन अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए, जिनकी मिली भगत से इस भूमि का उपयोग होटल प्रबंधन गैर कानूनी तरीके से कर रहा था। पूर्व में इसी भूमि पर प्राधिकरण ने अपने कब्जे में होने का बोर्ड भी लगाया था, लेकिन होटल मालिक को फायदा पहुंचाने के लिए बोर्ड को भी हटा दिया गया। न्यायालय में जो विवाद चल रहा था, वह भूमि की नीलामी को लेकर था। एडीजे कोर्ट ने नीलामी पर जो रोक लगाई थी, उसे हटा दिया। यानि प्राधिकरण अब इस 1535 वर्ग गज भूमि को नीलाम करने के लिए स्वतंत्र हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि कब्जा लेने की कार्यवाही की खबरों को छपवाकर एडीए अपने गुनाह पर पर्दा डालने के साथ-साथ अजमेर के नागरिकों के साथ भी बेहूदा मजाक कर रहा है। जो भूमि पहले से ही कब्जे में है, उसका कब्जा लेने का प्रचार किया जा रहा है। यदि यह भूमि होटल मालिक के कब्जे में होती तो प्राधिकरण के अधिकारियों में कब्जा लेने की हिम्मत नहीं होती।
100 करोड़ रुपए की भूमि पर है कब्जाः
असल में होटल मानसिंह प्रबंधन का चार हजार वर्ग गज से भी ज्यादा की भूमि पर पिछले 12 वर्षों से अवैध कब्जा है। इस भूमि का बाजार मूल्य आज 100 करोड़ रुपए है। पूर्व में यह भूमि लीज पर दी गई थी, लेकिन वर्ष 2007 से प्राधिकरण ने लीज राशि लेना बंद कर दिया और लीज की अवधि भी नहीं बढ़ाई। यानि पिछले 12 वर्षों से होटल मानसिंह का प्रबंधन प्राधिकरण की 100 करोड़ की भूमि पर मुफ्त में बैठा हुआ है। प्राधिकरण के अफसरों को चाहिए था कि जिस 4 हजार वर्गगज भूमि पर होटल बना हुआ है, उसका कब्जा वर्ष 2007 में ही ले लिया जाता। इन 12 वर्षों में कांग्रेस और भाजपा का राज गुजर गया, लेकिन किसी भी सरकार की हिम्मत होटल मानसिंह के प्रबंधन के खिलाफ कार्यवाही करने की नहीं हुई। इसे आम जनता के टैक्स के साथ खिलावड़ ही कहा जाएगा कि 100 करोड़ की भूमि पर पांच सितारा होटल बेशर्मी के साथ चलाया जा रहा है। समझ में नहीं आता कि जनता के वोट से चुनी गई सरकार में कितने बड़े बड़े पदों पर गूंगे बहरे और अंधे बैठे हुए हैं। प्राधिकरण के अधिकारी अपने भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए हर बार होटल मानसिंह की लीज का मामला राज्य सरकार को प्रेषित कर देते हैं। जो लूट खसोट अजमेर में है, वैसी ही राजधानी में भी है। इसलिए होटल मानसिंह के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं होती।
जल्द होगी कार्यवाही-हेड़ाः
अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिव शंकर हेड़ा ने कहा कि जिस चार हजार वर्गगज भूमि पर होटल मानसिंह बना हुआ है उस मामले में भी जल्द कार्यवाही की जाएगी। मैंने प्राधिकरण के अधिकारियों को पुराना अनुबंद निकालने के आदेश दे दिए हैं। हेड़ा ने स्वीकार किया कि वर्ष 2007 के बाद से ही होटल प्रबंधन ने चार हजार वर्गगज भूमि की कोई लीज राशि जमा नहीं कराई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में होटल मालिकों को कोई राहत नहीं दी जाएगी। जहां तक दस अगस्त की कार्यवाही का सवाल है तो प्राधिकरण ने यह पूरी मुस्तैदी के साथ की है। दस अगस्त को ही न्यायालय से अपील खारिज हुई और शाम तक विवादित भूमि का कब्जा ले लिया गया।

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