भाजपा सांसद कर्नल सोनाराम पर हमले में सरकार गंभीरता और सतर्कता बरते। अन्यथा माहौल खराब होगा।
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15 अगस्त को बाड़मेर के भाजपा सांसद कर्नल सोनाराम के वाहन पर हुए हमले की घटना में राज्य की भाजपा सरकार को गंभीरता और सतर्कता दिखाने की जरुरत है। इस हमले को लेकर पुलिस ने राजपूत समाज के तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी को लेकर समाज के कुछ प्रतिनिधि नाराजगी जता रहे हैं। ऐसे प्रतिनिधियों का कहना है कि समाज के दो युवकांे ने सांसद सोनाराम के वाहन को ओवर टेक किया था, इससे सांसद के लोगों ने युवकों के साथ कथित तौर पर दुव्र्यवहार किया। इस घटना का कुछ लोगों ने वीडियो भी बनाया है। इस वीडियो में सांसद का वाहन क्षतिग्रस्त नजर नहीं आ रहा है, वहीं सांसद की ओर से जो रिपोर्ट लिखवाई गई है, उसमें युवकों पर वाहन को क्षतिग्रस्त करने का आरोप है। इसमें कोई दो राय नहीं कि बाड़मेर में कर्नल सोनाराम लोकप्रिय नेता है। इसी लोकप्रियता की वजह से गत लोकसभा के चुनावों में कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल हुए और फिर विपरीत परिस्थितियों में सांसद बने। हालांकि सोनाराम को हराने के भी प्रयास हुए, लेकिन तब सोनाराम को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का पूरा समर्थन मिला। पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह के क्षेत्र में सोनाराम की जीत राजनीतिक दृष्टि से मायने रखती है। ऐसे लोकप्रिय सांसद के वाहन पर हमला किसी भी दृष्टि से उचित नहीं कहा जा सकता है। लेकिन जब यह मामला राजनीतिक रंग ले रहा हो, तब सरकार को गंभीरता और सतर्कता दिखाना बेहद जरूरी है। माना कि यह मामला कानून से जुड़ा है और कानून अपना काम करता है, लेकिन कोई मामूली मामला यदि आपसी समझाइस से सुलझाया जा सकता है तो उस पर पहल करनी चाहिए। विधानसभा के चुनाव के मौके पर इस तरह की घटनाए माहौल को और बिड़ेंगी। वैसे ही बाड़मेर पाकिस्तान की सीमा से लगा एक संवेदनशील इलाका है। यहां सभी समुदायों में सद्भावना बनी रहनी चाहिए।