तो अब सिद्धू के तौर पर पाकिस्तान को भारत में मिल गया प्रवक्ता। इस्तकबाल के लिए रोम रोम से शुक्रिया अदा कर रहे हैं सिद्धू।
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कश्मीर में सुरक्षा बलों पर आतंकी हमले और सीमा पर गोलाबारी करने पर अब पाकिस्तान को अपने विदेश सचिव या किसी मंत्री की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि भारत में पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान के प्रवक्ता के तौर पर मौजूद हैं। इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह से लौटने के बाद 21 अगस्त को सिद्धू ने कहा कि पाकिस्तान में उनका जो इस्तकबाल हुआ उसके लिए मैं अपने शरीर के रोम रोम से भी पाकिस्तान का धन्यवाद करू तो कम है। सिद्धू ने कहा कि मैं शांति दूत बनकर पाकिस्तान गया था। स्वयं की तुलना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से करते हुए सिद्धू ने कहा मोदी तो बिना बुलाए ही तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की नातिन के विवाह समारोह में चले गए थे। मैं तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के निमंत्रण पर गया था। जहां तक पाक सेना प्रमुख जनरल बावजा से गले मिलने का सवाल है तो उन्होंने सिक्ख श्रद्धालुओं के लिए पाकिस्तान के धार्मिक स्थल को खोलने की बात कही तो मैंने शुक्रिया अदा किया। सिद्धू ने कहा कि उन्हें पाकिस्तान में बेपनाह प्यार मिला है। दोनों देशों के संबंध आपसी बातचीत से ही सुधर सकते हैं। सिद्धू ने अपनी प्रेस काॅन्फ्रंेस में उस पाकिस्तान की प्रशंसा की जो आए दिन कश्मीर सीमा पर गोलाबारी कर हमारे सैनिकों को शहीद कर रहा है। गंभीर बात तो यह है कि भारत सरकार ने पाकिस्तान से राजनायिक स्तर पर बातचीत बंद कर रखी है, लेकिन सिद्धू स्वयं को शांतिदूत बता कर पाकिस्तान से बात कर रहे हैं।
इमरान खान ने नहीं मिलाया हाथः
पाक सेना प्रमुख से गले मिलने को भले ही सिद्धू जायज ठहरा रहे हों, लेकिन टीवी चैनलों पर एक वीडियो प्रसारित हो रहा है, जिसमें दिखाया गया कि प्रधानमंत्री की शपथ लेने के बाद इमरान खान ने सिद्धू से हाथ मिलाने से परहेज किया। इस वीडियो में सिद्धू को इमरान खान के पास बैठा हुआ दिखाया गया है। इमरान ने एक एक कर सभी अतिथियों से हाथ मिलाया, लेकिन सिद्धू की ओर देखा तक नहीं हालांकि सिद्धू हाथ मिलाने के लिए अपनी कुर्सी से खड़े भी हुए लेकिन इमरान ने सिद्धू की उपस्थिति को अनदेखा किया। इतनी बेइज्जती होने के बाद भी सिद्धू पाकिस्तान का शुक्रिया अदा कर रहे हैं।