गौरव यात्रा के पहुंचने से पहले बाड़मेर के हालात तनावपूर्ण।

गौरव यात्रा के पहुंचने से पहले बाड़मेर के हालात तनावपूर्ण।
पुलिस ने घरों पर भी लगाई पाबंदियां। जसवंत सिंह को लेकर राजपूत समाज में नाराजगी।
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राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा 1 सितम्बर को जोधपुर संभाग के बाड़मेर जिले में पहुंचेगी। यात्रा के पहुंचने से पहले ही बाड़मेर और यात्रा वाले कस्बों में तनावपूर्ण हालात हो गए हैं। हंगामे की आशंका से सिर्फ लोगों को ही पाबंद नहीं किया जा रहा, बल्कि घरों पर भी अनेक पाबंदिया लगाई गई है। बाड़मेर के कोतवाली थानाधिकारी ने बाकायदा एक नोटिस जारी कर घरों के मालिकों को पाबंद किया है कि एक सितम्बर को मुख्यमंत्री की गौरव यात्रा के दौरान किसी भी अनजान व्यक्ति को घर में प्रवेश नहीं दिया जाए तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि परिवार का कोई भी सदस्य छत पर चढ़ कर काले झंडे न दिखाए और न ही सरकार विरोधी नारे लगाए। नोटिस में साफ-साफ कहा गया कि आपके घर का उपयोग मुख्यमंत्री के विरोध के लिए नहीं होना चाहिए। यदि ऐसा होता है तो इसे अवांछनीय गतिविधि माना जाएगा। बाड़मेर के लोगों के यह समझ में नहीं आ रहा है कि इस तरह के नोटिस क्यों दिए गए हैं।
राठौड़ का विरोधः
पूर्व केन्द्रीय मंत्री और पिछले कई वर्षों से अस्वस्थ चल रहे जसवंत सिंह को लेकर राजपूत समाज में जो नाराजगी है उसे समाप्त करने के लिए 29 अगस्त को प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने बाड़मेर का दौरा किया। दो दिनों में राठौड़ ने अनेक राजपूत प्रतिनिधियों से बैठके की, लेकिन इन बैठकों में भी विरोध का सामना करना पड़ा। एक बैठक में इतना विरोध हुआ कि पुलिस को दखल देना पड़ा। बाद में पुलिस ने राजपूत समाज के कई प्रतिनिधियों को शांति बनाए रखने के लिए पाबंद भी किया। यानि राठौड़ ने जो प्रयास किए, उसके परिणाम उल्टे सामने आए। असल में गत लोकसभा के चुनाव में जसवंत सिंह और प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे में सीधा विवाद हो गया था। हालात इतने बिगड़े कि जसवंत सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा लेकिन वसुंधरा ने भाजपा के उम्मीदवार कर्नल सोनाराम की जीत करवा दी। हालांकि यह राजनीतिक लड़ाई थी, लेकिन बाड़मेर के राजपूत समाज ने इसे जसवंत सिंह के विरोध में माना। इस हार से जसवंत सिंह सदमे में आ गए और आज तक बेहोशी की हालत में हैं। इससे राजपूत समाज में सीएम को लेकर नाराजगी है। राजपूत समाज  ही नहीं बल्कि अन्य समाजो के लोग भी प्रशासन को ज्ञापन देकर गौरव यात्रा का विरोध कर रहे हैं।
प्रशासन के लिए चुनौतीः
बाड़मेर में गौरव यात्रा को शांतिपूर्ण तरीके से निकालना अब प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है। हालांकि लगातार सख्ती कर हालात को नियंत्रण में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन इस सख्ती के बाद भी हालात नियंत्रण में नहीं हो रहे। सख्ती की वजह से लोगों में खासकर राजपूत समाज में नाराजगी बढ़ी है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में जोधपुर संभाग में ही पीपाड़ सिटी में गौरव यात्रा पर पत्थर बाजी हो चुकी है।
एस.पी.मित्तल) (31-08-18)
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