सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से कौन खुश होगा? दो लड़कों और दो लड़कियों के बीच शारीरिक संबंध अब जुर्म नहीं। करण जौहर, शक्ति कपूर, बाॅबी डार्लिंग जैसों को फक्र है।
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6 सितम्बर को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने अंग्रेजों के जमाने के उस कानून को खारिज कर दिया है, जिसमें दो लड़कों और दो लड़कियों के बीच शारीरिक संबंधों को अपराध माना जाता है। खंडपीठ ने कहा कि संवैधानिक नैतिकता से ऊपर है सामाजिक नैतिकता। यौन आकर्षण प्राकृतिक है, इसलिए कोई भी व्यक्ति आपस में संबंध कायम कर सकते हैं। अब तक इसको भारतीय संविधान के अनुच्छेद 377 में अपराध माना जाता था, लेकिन अब यह अपराध नहीं होगा। दो युवक अपनी मर्जी से शारीरिक संबंध कायम कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से देश के कितने लोग खुश होंगे यह तो आने वाले दिनों में पता चलेगा, लेकिन फिल्म और टीवी सीरियल निर्माता करण जौहर, अभिनेता शक्ति कपूर, अभिनेत्री बाॅबी डार्लिंग जैसे प्रगतिशील विचारों के लोगों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर फक्र है। इन लोगों का कहना है कि अब समलैंगिक लोग भी समाज में सम्मान के साथ रह सकेंगे। अब ऐसे लोगों को मकान भी किराये पर मिल सकेगा और होटलों में भी सम्मान मिलेगा। भारतीय समाज ऐसे लोगों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कितना स्वीकारता है, यह भी आने वाले दिनों में पता चलेगा, लेकिन इतना जरूर है कि इस फैसले से आम लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर तो कोई टिप्पणी नहीं कर रहा, लेकिन हमारी सनातन संस्कृति में मनुष्य ही नहीं बल्कि प्रकृति का भी महत्व है। हमारे यहां प्रकृति के अनुरूप जानवर भी कृत्य करते हैं। शायद ही कोई जानवर होगा, जो प्रकृति के विपरीत जाकर रह सके। यह बात अलग है कि दुनिया भर में समलैंगिकता के समर्थक मिल जाएंगे और भारत के महानगरों में भी ऐसे समर्थक नजर आते हैं। यही वजह है कि 158 साल पुराने इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। चूंकि यह अपराध भारत की संस्कृति के विपरीत था, इसलिए अंग्रेजों ने भी कानून बनाया। लेकिन अब हमारे देश के कुछ लोग इतने प्रगतिशील और उच्च विचारों के हो गए है कि दो लड़कों के बीच शारीरिक संबंधों में बुराई नहीं मानते हैं।