आज तक चैनल के सर्वे में भाजपा की राजस्थान में सबसे खराब स्थिति। पर राहुल के मुकाबले में मोदी आगे। भास्कर और एबीपी वाले वसुंधरा को पहले ही हरा चुके हैं।
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देश का नम्बर वन न्यूज चैनल होने का दावा करने वाले आज तक न्यूज चैनल की ओर से 7 सितम्बर की रात को मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सर्वे के आंकड़े जारी किए गए। इन दिनों राज्यों में नवम्बर में विधानसभा के चुनाव होने हैं। आंकड़ों के मुताबिक तीनों राज्यों में से भाजपा की सबसे खराब स्थिति राजस्थान में हैं। राजस्थान में 48 प्रतिशत लोग सत्ता परिवर्तन के पक्ष में हैं, जबकि मुख्यमंत्री के तौर पर वसुंधरा राजे (भाजपा) और अशोक गहलोत (कांग्रेस) को 35-35 प्रतिशत समर्थन मिला है। वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट के समर्थन में 11 प्रतिशत वोट मिले। लेकिन वहीं राजस्थान के 57 प्रतिशत लोग प्रधानमंत्री के तौर पर नरेन्द्र मोदी को देखना चाहते हैं। यहां राहुल गांधी को 35 प्रतिशत समर्थन मिला है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुकाबले राजस्थान में भाजपा और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की स्थिति खराब है। आज तक के सर्वे के मुताबिक मध्यप्रदेश में 40 प्रतिशत लोग परिवर्तन चाहते हैं, लेकिन 41 प्रतिशत लोग भाजपा सरकार के पक्ष में हैं। वहीं मुख्यमंत्री के तौर पर 46 प्रतिशत लोग शिवराज सिंह चैहान के पक्ष में ही है, जबकि 32 प्रतिशत ने कांग्रेस के ज्योतिरादित्य के पक्ष में सहमति दी है। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ में 34 प्रतिशत लोग सत्ता परिवर्तन चाहते हैं,वहीं 39 प्रतिशत लोगों ने भाजपा सरकार का काम काज अच्छा बताया है। सीएम के चेहरे में भी वर्तमान मुख्यमंत्री रमनसिंह ने 41 प्रतिशत लोगों का समर्थन हासिल किया है, जबकि कांग्रेस की ओर से भूपेश बघेल को 21 प्रतिशत लोगों का समर्थन है। 12 प्रतिशत लोगों ने अजीत जोगी के पक्ष में राय दी है।
भास्कर और एबीपी पहले ही हरा चुके हैंः
आज तक न्यूज चैनल तीसरा ऐसा मीडिया घराना है, जिसने राजस्थान में भाजपा और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की स्थिति को कमजोर माना है। इससे पहले देश के सबसे बड़े अखबार भास्कर और प्रमुख न्यूज चैनल एबीपी ने भी अपने सर्वे में राजस्थान में वसुंधरा राजे को हारा हुआ माना था। भाजपा के लिए राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बात यह है कि राजस्थान में प्रधानमंत्री के तौर पर नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता तो शिखर पर है, लेकिन मुख्यमंत्री के तौर पर वसुंधरा राजे की स्थिति बहुत कमजोर है।